आगरा के सिकंदरा से मिला दुनिया को मोगली का किरदार….दरअसल ,

मोगली के किरदार का असल इंसान सनीचर सिकंदरा अनाथालय में रहा था। इसकी कहानी को अब वॉल पेंटिंग से बयां किया जाएगा। जंगल में वो छह साल की उम्र में मिला, जिसके बाद 23 साल तक आगरा में रहा।
फिल्म और टीवी पर भेड़ियों के बीच पले-बढ़े मोगली के किरदार को सभी ने जाना है। लेकिन इस किरदार की तरह असली भेड़िया मानव सनीचर 158 साल पहले आगरा के सिकंदरा अनाथालय में रहा था। यह कहानी पूरी दुनिया अब जानेगी। आगरा नगर निगम ने भेड़िया मानव सनीचर की कहानी बयां करने वाली वॉल पेंटिंग सिकंदरा में तैयार कराई है, जहां वह 23 साल तक रहा।

नगर निगम सनीचर के स्टेच्यू को भी तैयार करा रहा है, जो भेड़ियों के साथ नजर आएगा। इसके साथ ही कई जगह होर्डिंग भी लगाए जाएंगे। सिकंदरा स्थित अकबर के मकबरे से थोड़ा आगे बाएं ओर मस्जिद से सटी सड़क पर स्टुअर्ट वार्ड मेमोरियल स्कूल है। यहां चर्च के पास कभी सिकंदरा अनाथालय चलता था। उसी अनाथालय में बुलंदशहर में शिकार करते समय शिकारियों ने छह साल के बच्चे को पकड़ा जो भेड़ियों के साथ रहता था और उन्हीं की तरह हाथ-पैरों का इस्तेमाल करते हुए चलता था।
ब्रिटिश शिकारियों ने उसे तब आगरा के सिकंदरा अनाथालय में रखा। यहां स्कूल के पास की सड़क की दीवार पर सनीचर की पेंटिंग बनाई गई है ताकि यहां आने वाले लोग और सेंट जोंस चर्च आने वाले पर्यटक सनीचर के बारे में जान सकें। आगरा नगर निगम के नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने सनीचर की कहानी को दुनिया के सामने लाने के लिए यह पहल की है। वॉल पेंटिंग में सनीचर की कहानी बयां करने के साथ कबाड़ से भेड़ियों के बीच सनीचर का स्टेच्यू भी तैयार करा रहा है।

फिल्म और टीवी पर भेड़ियों के बीच पले-बढ़े मोगली के किरदार को सभी ने जाना है। लेकिन इस किरदार की तरह असली भेड़िया मानव सनीचर 158 साल पहले आगरा के सिकंदरा अनाथालय में रहा था। यह कहानी पूरी दुनिया अब जानेगी। आगरा नगर निगम ने भेड़िया मानव सनीचर की कहानी बयां करने वाली वॉल पेंटिंग सिकंदरा में तैयार कराई है, जहां वह 23 साल तक रहा।

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