आगरा। आगरा में डॉक्टर और पुलिस के बीच हुए टकराव के बाद से इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) हड़ताल पर है। गुरुवार को एक सर्जन के साथ हुई अभद्रता के विरोध में आईएमए के सभी सदस्य हड़ताल पर चले गए हैं। लगभग 2000 डॉक्टर्स ने प्राइवेट अस्पताल, क्लीनिक सहित पैथोलॉजी आदि बंद कर दिए हैं। डॉक्टर्स इमरजेंसी पेशेंट्स भी नहीं देख रहे हैं। ऐसे में एस एन मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी में मरीजों की भारी संख्या बढ़ गई है।
इस मामले में पुलिस ने कार्यवाही के लिए 24 घंटे का समय मांगा है। आईएमए कार्यवाही का इंतजार कर रही है। उधर डीसीपी सिटी ने सिकंदरा थाने के दो पुलिसकर्मियों को लाइन हाजिर कर दिया है। हालाकिं डॉक्टर पूरा थाने का सस्पेंड करने की मांग पर अड़े हुए हैं। वहीं आज हड़ताल को लेकर 15 सदस्यों की कमेटी बनाई गई है, जो आगे की रणनीति तय करेगी।
अस्पतालों में मरीजों को हो रही असुविधा इमरजेंसी, ओपीडी में भी मरीज नहीं देखे जा रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की भारी भीड़ है। प्राइवेट अस्पताल में भर्ती मरीजों की परेशानी बढ़ने पर उन्हें उनके परिजन इमरजेंसी में भर्ती करा रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज की इमरजेंसी में रात से अब तक 10 से 15% मरीजों की बढ़ोतरी हुई है।
ये है पूरा मामला, जिस वजह से डॉक्टरों ने हड़ताल शुरू की
गुरुवार को सर्जन डॉ. अविनाश सिंह अपने घर से सिकंदरा स्थित हॉस्पिटल के लिए जा रहे थे। डॉ. अविनाश सिंह का आरोप है कि कारगिल चौराहे, शास्त्रीपुरम में आगे चल रही कार ने ब्रेक लगाए। जब तक वो ब्रेक लगा पाते, तब तक उनकी गाड़ी आगे की गाड़ी से टकरा गई। डॉक्टर का आरोप है कि कार चला रहे व्यक्ति ने उन्हें गालियां दी। इसके बाद डॉ. अविनाश अपनी कार लेकर वहां से निकल गए। थाना सिकंदरा के पास पहुंचने पर पुलिस कर्मियों ने उनकी गाड़ी रोक दी। आरोप है कि उसी दौरान उनको किसी ने थप्पड़ मारा, थप्पड़ किसने मारा यह उन्हें भी नहीं पता है। इसी बीच कार से एक महिला उतरीं और उनका वीडियो बनाने लगीं, इसके बाद उन्हें हवालात में बंद कर दिया। हवालात में बंद करने से पहले उनके जूते, मोजे, बेल्ट आदि उतरवाए गए। लगभग एक घंटे तक वो हवालात में बंद रहे। उनकी बात सुनी ही नहीं गई।