आगरा में मेट्रो प्रोजेक्ट ने नई रफ्तार पकड़ ली है। उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने 7.5 किलोमीटर लंबी भूमिगत टनल का निर्माण पूरा करने के बाद अब एलिवेटेड कॉरिडोर पर ध्यान केंद्रित किया है। एमजी रोड और सुल्तानपुरा रोड पर 30 पिलर, जबकि नेशनल हाईवे-19 पर 64 पिलर बनकर तैयार हो चुके हैं। पिलरों की खोदाई के लिए 8 रिंग मशीनें लगातार काम कर रही हैं।
आगरा मेट्रो का दूसरा कॉरिडोर 16 किलोमीटर लंबा होगा, जो आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से शुरू होकर सुल्तानपुरा रोड और एमजी रोड होते हुए कालिंदी विहार तक जाएगा। इस कॉरिडोर में 14 एलिवेटेड स्टेशन होंगे। पिलरों की ऊंचाई 9 मीटर और व्यास 2.5 से 3.5 मीटर है। खंदारी चौराहे से कामायनी हॉस्पिटल तक 64 पिलर तैयार हो चुके हैं, और हाईवे पर सबसे पहले ISBT स्टेशन बनकर तैयार होगा।
3 जून 2025 को मन:कामेश्वर मेट्रो स्टेशन पर अप और डाउन लाइन की टनल बोरिंग मशीनें बाहर निकाली गईं। UPMRC ने 7.5 किलोमीटर टनल खोदाई का काम पूरा कर लिया है। सितंबर 2025 से ताज पूर्वी गेट से ISBT तक मेट्रो का संचालन शुरू होने की संभावना है। टनल की सफाई और पटरी बिछाने का काम जल्द शुरू होगा।
मकानों में दरार की शिकायतें
एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण और टनल खोदाई के दौरान खंदारी, आगरा कॉलेज, मंटोला, रकाबगंज और जिला अस्पताल के सामने के क्षेत्रों में मकानों व दुकानों में दरार की शिकायतें सामने आईं। शिकायतकर्ता रोहित कुमार ने बताया कि जिला अस्पताल के सामने रिंग मशीन से पिलर खोदाई की वजह से उनके मकान और दुकान में दरारें आईं। UPMRC की जांच में ज्यादातर जगहों पर शून्य वाइब्रेशन पाया गया, लेकिन स्थानीय लोग हादसों के डर से चिंतित हैं।
एमजी रोड पर 6 स्टेशनों का निर्माण सिंगल पिलर तकनीक से हो रहा है, ताकि ट्रैफिक कम बाधित हो। यह कॉरिडोर-1 का हिस्सा है, जिसका निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य है।
आगरा मेट्रो का कुल रूट 30 किलोमीटर लंबा है, जिसमें पहला कॉरिडोर 14 किलोमीटर (6 एलिवेटेड और 7 भूमिगत स्टेशन) और दूसरा कॉरिडोर 15.4 किलोमीटर लंबा है। UPMRC टनल की बिजली लाइन बिछाने और स्टेशनों के निर्माण को तेजी से पूरा करने में जुटा है।