आगरा नगर निगम का नया नियम: ठेल-रेहड़ी वालों को बोर्ड पर दिखाना होगा असली नाम, पारदर्शिता के लिए बड़ा कदम!

:आगरा नगर निगम ने ठेल-रेहड़ी वालों के लिए नया नियम लागू किया है, जिसके तहत उन्हें अपनी पहचान और पंजीकरण नंबर बोर्ड पर प्रदर्शित करना होगा। यह निर्णय कांवड़ यात्रा और धार्मिक मेलों में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और विक्रेताओं की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है। इसके अलावा, सफाई कर्मचारियों की भर्ती, बंदर-कुत्तों के बधियाकरण, और वाहनों के डीजल वितरण जैसे मुद्दों पर भी महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

विवरण:

  • ठेल-रेहड़ी नियम:
    • आगरा में 60,000 से अधिक ठेल-रेहड़ी वालों को बोर्ड पर नाम और पंजीकरण नंबर लिखना अनिवार्य।
    • पार्षद बद्री प्रसाद माहौर का प्रस्ताव कार्यकारिणी में सर्वसम्मति से पारित।
    • मकसद: खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता और विक्रेताओं की जवाबदेही सुनिश्चित करना।
  • अन्य फैसले:
    • सफाई कर्मचारी भर्ती: 1,000 सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति लॉटरी सिस्टम से होगी। मेयर की अध्यक्षता में पांच पार्षदों और दो अधिकारियों की कमेटी प्रक्रिया की निगरानी करेगी।
    • बंदर-कुत्तों का बधियाकरण: बधियाकरण के लिए पकड़े गए जानवरों की जानकारी संबंधित वार्ड के पार्षद को दी जाएगी। एनिमल बर्ड सेंटर की बदहाली पर मेयर ने पशु कल्याण अधिकारी को फटकार लगाई।
    • वाहन डीजल वितरण: जेडएसओ को वाहनों के डीजल वितरण की निगरानी के लिए तैनात किया जाएगा। हर माह जेडएसओ बदला जाएगा, और जीपीएस के जरिए वाहनों की निगरानी होगी।
    • प्रस्तावों पर कार्रवाई: नगर आयुक्त ने 17 पत्रों के जवाब दिए, जिससे कार्यकारिणी निरस्त होने से बची। 10 में से 8 प्रस्ताव पारित।

प्रभाव:

  • ठेल-रेहड़ी वालों की जवाबदेही और पारदर्शिता बढ़ेगी।
  • सफाई और पशु कल्याण जैसे क्षेत्रों में सुधार की उम्मीद।
  • नगर निगम की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ावा।

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