आये दिन बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने लगायी दिल्ली सरकार को फटकार

सुप्रीम कोर्ट। दिल्ली में आये दिन बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई। अदालत ने कहा, ‘दिल्ली सरकार की कोशिशों से हम संतुष्ट नहीं हैं। दिल्ली सरकार ने ट्रकों की एंट्री रोकने के लिए भी कुछ नहीं किया है।”

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘113 एंट्री पॉइंट पर सिर्फ 13 CCTV क्यों हैं। केंद्र सरकार इन सभी एंट्री पॉइंट्स पर पुलिस तैनात करे। एक लीगल टीम बनाई जाए जो यह देखे कि क्या वाकई में वाहनों की एंट्री पर रोक लगाई जा रही है या नहीं। इसके लिए हम बार एसोसिएशन के युवा वकीलों को तैनात करेंगे।’

जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की बेंच ने प्रदूषण कंट्रोल करने के लिए दिल्ली सरकार के कदम को लेकर आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 4 के प्रतिबंध को समय पर लागू कराने में विफल रही।

  • सुप्रीम कोर्ट :- दिल्ली सरकार हमें बताए कि जो ट्रक एंट्री चाहते हैं, वो जरूरी सामान ले जा रहे हैं या नहीं। इसको देखने का क्या मैकेनिज्म है। आपके पास इन जरूरी चीजों की लिस्ट है?
  • दिल्ली सरकारः अभी हमारे पास लिस्ट नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट :- अगर आपके पास लिस्ट नहीं है, इसका मतलब कोई चेकिंग नहीं हो रही है। आपके एफिडेविट में ऐसे किसी मैकेनिज्म का जिक्र नहीं है, जो बता रहा हो कि आप कैसे ट्रकों की एंट्री रोक रहे हैं।
  • सुप्रीम कोर्ट :- हमने आपसे कहा था कि टीमें बनाइए मॉनीटरिंग के लिए। एफिडेविट में दिखाइए कहां आदेशों का पालन किया है। आपने बहुत हल्का एफिडेविट बनाया है। आपने ये भी नहीं बताया कि कितने चेकपोस्ट आपकी निगरानी में हैं। वहां तैनात आदमी को नहीं पता होगा कि किन जरूरी चीजों को छूट दी गई है, तब जो सभी प्रतिबंध आप बता रहे हैं वो एकतरफा हो जाएंगे।
  • दिल्ली सरकारः जो ट्रक मेडिसिन, तेल और पेट्रोलियम आदि ले जा रहे हैं, वो जरूरी सामानों में है।
  • सुप्रीम कोर्ट :- कौन सारी चीजों की जांच कर रहा है?
  • दिल्ली सरकारः ट्रैफिक पुलिस अफसर।
  • सुप्रीम कोर्ट :- हम यह सुझाव दे रहे हैं कि बार के कुछ युवा सदस्य इन चेक पॉइंट्स पर जाएं और देखें कि प्रतिबंध वाकई में लागू किए जा रहे हैं या नहीं। हम उनसे कह रहे हैं कि सभी 113 पॉइंट्स पर जाएं।
  • सुप्रीम कोर्ट :- सीसीटीवी फुटेज है क्या, जिसमें ये सब कवर हो रहा हो, हमें सीसीटीवी फुटेज कौन देगा?
  • दिल्ली सरकार – MCD सरकार फुटेज देगी।
  • सुप्रीम कोर्ट :- प्रतिबंधों के पालन पर, खासतौर से दिल्ली से बाहर की गाड़ियों की एंट्री रोकने पर हम दिल्ली सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं हैं। हमें बताया गया कि 113 एंट्री पॉइंट्स हैं, लेकिन सरकार कह रही है कि 13 पॉइंट्स पर निगरानी की जा रही है। इसका मतलब बाकी 100 एंट्री पॉइंट्स पर कोई प्रतिबंध गाड़ियों पर नहीं है।
  • सुप्रीम कोर्ट :– आदेशों के बावजूद दिल्ली पुलिस स्टेज 5 के प्रतिबंध लागू करने में विफल रही। 113 एंट्री पॉइंट्स पर कोई तैनात नहीं है, बार के मेंबर्स इनपॉइंट्स पर जाएं। हमें खुशी है कि 13 मेंबर्स खुद आगे आए हैं।

आपको बता दें कि यह मामला एमिकस क्यूरीसीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह की अपील पर लिस्ट किया गया है। जिन्होंने दिल्ली में मौजूदा स्थिति को देखते हुए तत्काल सुनवाई की मांग रखी थी।

14 नवंबर को एमिकस क्यूरी ने कहा था- प्रदूषण के लिए दिल्ली सरकार ने कुछ भी नहीं किया, हालात गंभीर हैं। दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर नहीं बनना चाहिए। दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के प्रबंधन से भी जुड़ा है, जिसे एमसी मेहता ने दायर किया है। इसमें NCR राज्यों में वाहनों से होने वाले प्रदूषण, इसका मैनेजमेंट और पराली जलाने जैसे मुद्दों को रखा गया है।
18 नवंबर:- सुप्रीम कोर्ट ने 12वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन करने का आदेश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि 10वीं तक के स्कूलों को ऑनलाइन कर दिए हैं। 11वीं और 12वीं के बच्चों के फेफड़े अलग है क्या। इसके बेंच ने दिल्ली-NCR रीजन में सरकारों को निर्देश दिया था कि AQI का स्तर नीचे लाने के लिए GRAP स्टेज 3 और स्टेज 4 के सभी जरूरी प्रतिबंधों को लागू किया जाए।

14 नवंबर :- खतरनाक हालत में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए। बेंच ने कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट से पूछा था कि एयर क्वालिटी के सीवियर कैटेगरी में पहुंचने से पहले एहतियाती कदम क्यों नहीं उठाए गए।

  • 11 नवंबर: कोई धर्म प्रदूषण बढ़ाने वाली गतिविधि का समर्थक नहीं, स्वच्छ हवा मौलिक अधिकार दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन के आदेश के उल्लंघन पर कहा था कि कोई भी धर्म प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों का समर्थन नहीं करता है। दिल्ली सरकार दो हफ्तों में यह तय करे कि पटाखा बैन को पूरे साल के लिए बढ़ाया जाए या नहीं। कोर्ट ने कहा- स्वच्छ वातावरण में रहना संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत हर नागरिक का मौलिक अधिकार है।
  • 4 नवंबर: कुछ ऐसा करना होगा जिससे अगले साल भी पटाखों पर प्रतिबंध के आदेश का उल्लंघन न हो बेंच ने आगे कहा कि हमें कुछ ऐसे कदम उठाने होंगे, जिससे अगले साल दिवाली के दौरान पटाखों पर प्रतिबंध के आदेशों का उल्लंघन न हो। बैन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कैंपस सील करने जैसी सख्त कार्रवाई की जरूरत है।

हवा के प्रदूषण स्तर की जांच करने के लिए इसे 4 कैटेगरी में बांटा गया है। हर स्तर के लिए पैमाने और उपाय तय हैं। इसे ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) कहते हैं। इसकी 4 कैटेगरी के तहत सरकार पाबंदियां लगाती है और प्रदूषण कम करने के उपाय जारी करती है।

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