आगरा में प्री-मानसून की पहली बारिश ने शहर की जल निकासी व्यवस्था की पोल खोल दी। महाराजा अग्रसेन रोड सहित कई इलाकों में सड़कें पानी से लबालब हो गईं और घरों में गंदा पानी घुस गया। इसका प्रमुख कारण नाला निर्माण में देरी और लापरवाही रहा। नगर आयुक्त अंकित खंडेलवाल ने निरीक्षण के बाद महाराजा अग्रसेन रोड के नाला निर्माण का ठेका रद्द कर दिया। अप्रैल में ठेका मिलने के बावजूद 15 जून तक काम शुरू नहीं हुआ था। इसके अलावा, नौ अन्य स्थानों पर घटिया निर्माण के लिए ठेकेदारों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया।
नगर आयुक्त ने रामनगर पुलिया, शास्त्रीपुरम, पृथ्वीनाथ फाटक रोड और केदार नगर सहित कई क्षेत्रों का दौरा किया। निरीक्षण में नालों के निर्माण में लापरवाही और खराब गुणवत्ता सामने आई। रामनगर पुलिया से शनिदेव मंदिर तक नाले के धीमे काम के कारण आजमपाड़ा और अलबतिया रोड पर जलभराव हुआ। ऑटोमोबाइल दुकान से केदार नगर और पुष्पांजलि धाम कॉलोनी के नालों में गड़बड़ी पाई गई। पांच ठेकेदारों ने नए नालों का काम शुरू ही नहीं किया, जिसके लिए उन पर भी जुर्माना लगाया गया। पृथ्वीनाथ फाटक रोड पर गंदगी और जलभराव के लिए जेडएसओ राजीव बालियान और सेनेटरी इंस्पेक्टर मुनेश कुमार का 15 दिन का वेतन रोकने के आदेश दिए गए।
नगर आयुक्त ने टेढ़ी बगिया में 35 साल पुराने भूमिगत नाले की जगह नया नाला बनाने का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए। यह नाला बार-बार धंसने और हादसों का कारण बन रहा था। विधायक डॉ. धर्मपाल सिंह ने आरसीसी से नाला निर्माण का सुझाव दिया। मेयर हेमलता दिवाकर और अन्य अधिकारियों के साथ निरीक्षण के दौरान ग्यासपुरा से पुष्पांजलि धाम कॉलोनी तक नाला निर्माण और रेलवे लाइन के किनारे जल निकासी की व्यवस्था के आदेश दिए गए। सेंट जॉन्स से काली बाड़ी मार्ग पर कूड़ा डालने की शिकायत पर सुपरवाइजर का वेतन रोकने और एसएफआई से स्पष्टीकरण मांगा गया। बाग मुजफ्फर खां में नाला सफाई के लिए मैनुअल सफाई के निर्देश दिए गए।
शहरवासियों का कहना है कि नाला निर्माण में देरी और लापरवाही के कारण हर साल बारिश में जलभराव की समस्या होती है। नगर आयुक्त की कार्रवाई से उम्मीद जगी है कि जल्द ही जल निकासी व्यवस्था सुधरेगी। प्रशासन ने ठेकेदारों को चेतावनी दी है कि गुणवत्तापूर्ण काम समय पर पूरा करना होगा, अन्यथा और सख्त कदम उठाए जाएंगे।