अहमदाबाद विमान हादसा: लैंडिंग गियर नीचे क्यों था? विशेषज्ञों ने उठाए गंभीर सवाल

अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की जान चली गई। इस दुखद घटना की आधिकारिक वजह अभी तक स्पष्ट नहीं हुई है, लेकिन विमानन विशेषज्ञों ने कई अहम सवाल उठाए हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जब विमान 600 फीट की ऊंचाई पर था, तो उसका लैंडिंग गियर नीचे क्यों था? सामान्य तौर पर, उड़ान भरते ही लैंडिंग गियर को ऊपर कर लिया जाता है।

विशेषज्ञों का कहना है कि लैंडिंग गियर का नीचे रहना असामान्य स्थिति थी। एक पूर्व पायलट ने बताया कि इससे संकेत मिलता है कि विमान में उड़ान के शुरुआती क्षणों में ही कोई तकनीकी खराबी हो सकती थी। उन्होंने यह भी संभावना जताई कि विमान के इंजन में खराबी या पक्षी से टकराने की वजह से शक्ति की कमी हुई हो। हालांकि, दोनों इंजनों के एक साथ फेल होने की संभावना बहुत कम होती है। पायलट ने मेडे कॉल की थी, जिससे पता चलता है कि चालक दल को गड़बड़ी का अंदाजा था और उन्होंने इसे नियंत्रित करने की कोशिश की।

एक अन्य विशेषज्ञ ने बताया कि भारी विमानों, जैसे इस दुर्घटनाग्रस्त विमान, को उड़ान भरने के लिए लंबे रनवे की जरूरत होती है ताकि पर्याप्त गति प्राप्त हो सके। अगर रनवे का पूरा उपयोग न हुआ हो, तो विमान को जरूरी उड़ान गति न मिलने की वजह से यह हादसा हुआ हो सकता है। हालांकि, उपलब्ध जानकारी के अनुसार, विमान ने पूरे रनवे का इस्तेमाल किया था।

विशेषज्ञों ने यह भी बताया कि हादसे के दिन अहमदाबाद का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस था। इतने गर्म मौसम में हवा का घनत्व कम हो जाता है, जिससे इंजन को पर्याप्त शक्ति नहीं मिल पाती। सामान्य तापमान में इंजन को 100 यूनिट ऊर्जा मिलती है, लेकिन 43 डिग्री तापमान में यह घटकर 60 यूनिट तक हो सकती है। इससे विमान के प्रदर्शन पर असर पड़ता है।

हादसे की सटीक वजह जानने के लिए फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर, कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और अन्य तकनीकी डेटा की जांच की जा रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि इन सवालों के जवाब जांच के बाद ही सामने आएंगे।

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