असली किन्नरों की ऐसे होगी पहचान, सड़को पर वसूली करने वाले किन्नर नहीं

आगरा कमिश्नरेट में पहली बार बुलाई गई बैठक में किन्नरों का दर्द छलका, उन्हें इस बात पर यकीन ही नहीं हो रहा था की पुलिस उनकी समस्याओ को सुनेगी बैठक में उन्होंने कहा कि जो सड़कों पर वसूली करते हैं, वो असली किन्नर नहीं होते हैं। असली वालों की सूची बनाई जाएगी, जिससे इनको लेकर कोई भ्रम न रहे।

आगरा कमिश्नरेट की पुलिस ने पहली बार किन्नरों की समस्याओं को जाना। शुक्रवार को पुलिस लाइन में किन्नर समाज के गुरुओं और प्रमुखों की बैठक में उनकी परेशानियां जानी। किन्नरों ने कहा कि पहली बार पुलिस ने हमें इतना सम्मान दिया है। जो सड़कों पर वसूली करते हैं वह किन्नर नहीं होते हैं। वह किन्नरों के वेश में अपराधी किस्म के लोग हैं।

पुलिस लाइन स्थित ट्रांसजेंडर सेल प्रभारी एसपी प्रोटोकाॅल पूनम सिरोही ने बैठक बुलाई| पुलिस रिकाॅर्ड में सिर्फ 98 किन्नरों का रिकाॅर्ड है। उन्होंने पता किया तो जानकारी हुई कि पिछले दिनों बधाई मांगने पर किन्नरों के गुटों में मारपीट की कई घटनाएं हुई थीं। करीब 2 महीने के प्रयास के बाद करीब 50 किन्नर पुलिस लाइन आए। उन्हें यकीन नहीं हो रहा था कि पुलिस उनकी मदद करना चाहती है। एसपी ने कहा कि असली किन्नरों की एक सूची तैयार की जाएगी।जब एसपी प्रोटोकॉल ने बैठक बुलाने की वजह बताई तो उनकी आंखों में आंसू आ गए। एसपी प्रोटोकॉल ने ट्रांसजेंडर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 व ट्रांसजेंडर प्रेसेंस प्रोटक्शन रूल्स 2020 के बारे में पूरी जानकारी दी । उन्हें सरकार की विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। गोष्ठी में मंडलीय मनोविज्ञान केंद्र के काउंसलर डॉ. जितेंद्र यादव भी मौजूद रहे।

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