ये रही आसाराम बापू की पूरी कुंडली, कैसे एक तांगेवाला संत बना और फिर जेल पहुंच गया
आज भी आसाराम बापू के समर्थकों में नहीं है आस्था की कमी, जेल जाने को बताते हैं गहरी साजिश
मुस्लिमों का बड़ी संख्या में सनातन धर्म में करवाया था आसाराम बापू ने धर्मांतरण, बौखलाहट में साजिश रचे जाने के आरोप
सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस, गुनेहगार है आसाराम बापू, जेल भेजा जाना सनातन को बदनाम करने की साजिश
11 साल पहले यौन उत्पीडन के आरोप में जेल भेजे गए आसाराम बापू को पहली बार 7 दिन के लिए जमानत मिली है। आसाराम जैसे ही बाहर आए तो एक बड़ी बहस ने जन्म ले लिया। सोशल मीडिया पर आसाराम बापू के बेगुनाह होने की जंग छिड़ गई। लोग कहने लगे कि आसाराम बापू को सनातन को बदनाम करने की एक साजिश के तहत जेल भेजा गया था। आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में आसाराम बापू की पूरी कुंडली से रूबरू कराएंगे। कि कैसे आसाराम बापू एक तांगेवाले से संत बन गए और फिर जेल पहुंच गए। आसाराम बापू ने कभी तांगा चलाया, कभी चाय बेची कभी शराब का कारोबार किया और फिर प्रसिद्ध संत बन कर दुनिया को अध्यात्म का ज्ञान दिया। ये सब जानने से पहले आप भी हमें बता दीजिए कि आसाराम बापू के बारे में आपका क्या मानना है? क्या आप भी आसाराम बापू को बेगुनाह मानते हैं। अगर हां तो अपना जवाब हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
असल में आज से ठीक 11 साल पहले आसाराम को गिरफ्तार किया गया था. एक वो दिन था और आज का दिन, पिछले 11 वर्षों से आसाराम जेल में है. आसाराम को गांधीनगर की अदालत ने बलात्कार के मामले में सजा दी थी. इस मामले में आसाराम को सेशन कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी. आसाराम के खिलाफ रेप का यह मामला साल 2013 में दर्ज हुआ था. हालांकि, पीड़िता के साथ रेप की वारदात साल 2001 से 2006 के बीच हुई थी. आसाराम खुद को ‘भगवान’ बताता था और उसके भक्त उसे ‘बापू’ कहकर बुलाते थे. एक समय आसाराम के भक्तों में बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज भी शामिल थे, लेकिन आज उस पर ‘बलात्कारी’ का ठप्पा लग चुका है. 17 अप्रैल 1941 को मौजूदा पाकिस्तान के सिंध इलाके के बैरानी गांव में आसुमन थाउमल हरपलानी का जन्म हुआ. बंटवारे के बाद परिवार गुजरात के अहमदाबाद शहर में आकर बस गया. कहा जाता है कि आसुमल हरपलानी उर्फ आसाराम कभी तांगा चलाता था. उसने कभी सड़क किनारे चाय बेचने का काम भी किया था और कभी शराब के धंधे में भी हाथ आजमाया था.आसाराम की वेबसाइट के मुताबिक, ईश्वर प्राप्ति के लिए वो लीलाजी महाराज के पास गया. लीलाजी महाराज ने उन्हें साधना सिखाई. 7 अक्टूबर 1964 को आसाराम को ‘आत्म साक्षात्कार’ हुआ. इस तरह वो आसुमल से ‘आसाराम’ बन गया. ऐसा भी कहा जाता है कि आसाराम के अंदर ‘भगवान’ बनने की इच्छा थी.
1972 में आसाराम ने अहमदाबाद से 10 किलोमीटर दूर मोटेरा कस्बे में अपना पहला आश्रम खोला. धीरे-धीरे आसाराम लोगों का ‘बापू’ बन गया. आसाराम की वेबसाइट पर दावा किया गया है कि आज दुनियाभर में उसके 400 आश्रम और 40 गुरुकुल हैं. ये भी दावा किया जाता है कि दुनियाभर में उसके तीन करोड़ भक्त हैं. आसाराम सिर्फ भारत ही नहीं दुनिया के लिए बड़ा ‘संत’ बन चुका था. उसके आश्रम में मत्था टेकने बड़े-बड़े सेलेब्रिटीज और राजनेता आते थे. आसाराम का पतन तब शुरू हुआ जब 2008 में उसके आश्रम में दो बच्चों के अधजले शव मिले. हालंकि आसाराम का कहना है ये उनके खिलाफ़ एक गहरी और सोची समझी साजिश है। यही कारण है कि आज भी आसाराम बापू के हजारों समर्थक उनको न्याय देने की अपील करते हैं। आसाराम बापू के बारे में आपका क्या कहना है? क्या आप भी मानते हैं कि आसाराम बापू को एक साजिश के तहत जेल भेजा गया है और यह सनातन संस्कृति को बदनाम करने की साजिश है? अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
ब्यूरो रिपोर्ट Tnf Today