आगरा। जिस घर में बरात आने का इंतजार था, वहां दूल्हे की मौत का संदेश आया, तो कोहराम मच गया। सारी तैयारियां धरी की धरी रह गईं। टेढ़ी बगिया में सोमवार को बनी सिंह के जिस घर में हल्दी-मेहंदी की रस्में होने के बाद खुशियां बिखरी हुई थीं, वहां मंगलवार को सन्नाटा पसरा हुआ था। हाथों में मेहंदी को बार-बार देख रही मोहिनी सदमे में आ गई है। पिता ने कर्ज लेकर मोहिनी के हाथ पीले करने की उम्मीद भी धुंधली हो गई हैं। शादी की सजावट भी नहीं हटी है। घर में खाने-पीने का सामान ज्यों का त्यों रखा है।छह माह पहले हाथरस के गांव भोजपुर निवासी शिवम से मोहिनी की शादी तय हुई थी। 18 नवंबर को कृष्णाबाग कॉलोनी स्थित मैरिज होम में बरात आनी थी। हाथरस में भात की रस्म के दौरान नाचने गाने के बाद शिवम की मौत की खबर दुल्हन के घरवालों को मिलीं तो मानो उन पर वज्रपात हो गया।
मनपसंद की शादी तय होने पर मोहिनी ने बड़े सपने संजोए थे। एक दूसरे का हाथ कभी नहीं छोड़ेंगे। शिवम की मौत की खबर सुनते ही मोहिनी की तबीयत बिगड़ गई। अब वह खाना भी नहीं खा रही है। सदमा इतना गहरा है कि किसी से बात नहीं करती है। अपने हाथों में लगी मेहंदी को देखकर चीख उठती है कि मैं भी शिवम के पास जाऊंगी। बरात आने से ठीक एक दिन पहले दूल्हे की मौत से घर में सन्नाटा पसरा हुआ है। दुल्हन के साथ ही घरवालों पर भी दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। रिश्तेदार शादी में शामिल होने के लिए घर आए, वो परिवार के लोगों को धैर्य रखने के लिए कह रहे हैं।
मोहिनी के पिता बनी सिंह जूता फैक्टरी में मजदूरी करते हैं। महज 12 हजार रुपये की तनख्वाह है। छह बेटियां और एक बेटा है। 3 बेटियों की शादी पहले कर चुके हैं। मोहिनी की शादी के लिए ओवरटाइम काम करके रुपये इकट्ठे किए थे। जमीन भी गिरवी रखकर इंतजाम किया। न जाने बेटी की खुशियों को किसकी नजर लग गई। दोनों परिवार में मातम छा गया।