चुना लगाकर फरार चिटफंड कंपनी के निदेशक

बांसडीहरोड थाने में एक चिटफंड कंपनी के चार निदेशकों पर धोखाधड़ी, मारपीट और धमकी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। वही कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है और पुलिस भी मामले की जांच कर रही है। रघुनाथपुर के अनिल तुरहा ने सीजेएम कोर्ट में शिकायत की थी। इसके बाद यह एक्शन हुआ है।

उत्तर प्रदेश के बलिया में बांसडीहरोड थाना में एक निजी वित्तीय संस्थान और चिटफंड कंपनी के चार निदेशकों के खिलाफ पुलिस ने धोखाधड़ी, मारपीट और धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया है। यह कदम न्यायालय के निर्देश पर उठाया गया है और पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। स्थानीय निवासी अनिल तुरहा ने सीजेएम कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज कराई थी। रघुनाथपुर के रहने वाले अनिल ने इस मामले को गंभीरता से उठाया है।

अनिल ने कोर्ट को बताया कि कुछ वर्ष पहले वे काम के लिए देहरादून गए थे। वहां उनकी मुलाकात बंधन निधि लिमिटेड के शाखा प्रबंधक जोगेंद्र भरवाल से हुई। जोगेंद्र ने उन्हें पैसा दोगुना करने का लालच दिया और उनके जरिए कई लोगों से निवेश करवाया। अनिल ने अपने रिश्तेदारों और जान-पहचान वालों से भी पैसे जमा कराए।

अनिल ने आरोप लगाया कि 13 मई 2019 को दिल्ली के रोहिणी में स्थित जन बंधन निधि लिमिटेड और जनबंधन प्रोड्यूसर कंपनी के निदेशक कमल राणा, संजीत यादव, विमल यादव और सीमा यादव ने अचानक कंपनी बंद कर दी और रफूचक्कर हो गए।

अनिल के मुताबिक, इसके बाद जोगेंद्र ने अपनी नई कंपनी जनवृद्धि शुरू की और लोगों से फिर से पैसे जमा करवाए। उस वक्त उन्होंने वादा किया कि सारा धन लौटा दिया जाएगा। अनिल ने लगभग 232 लोगों के 56 लाख रुपये इस नई कंपनी में जमा करवाए। जब पैसे मांगे गए तो जोगेंद्र ने मना कर दिया। इसके बाद धमकियां देना शुरू कर दिया।

परेशान होकर अनिल ने कोर्ट की शरण ली है। साथ ही स्थानीय थाना प्रभारी अजय पाल ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मामला दर्ज कर लिया गया है। मामले में जांच चल रही है। इस घटना से इलाके में लोगों में नाराजगी है। वही वे ऐसी कंपनियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं

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