कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे ने दिया विवादास्पद बयान
कर्नाटक के ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री प्रियांक खड़गे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस पार्टी केंद्र में सत्ता में आती है तो वह आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने का काम करेगी. यह बयान कर्नाटक के चित्तापुर में एक कार्यक्रम के दौरान दिया गया. प्रियांक खड़गे, जो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बेटे हैं, ने अपने बयान में आरएसएस को देश के लिए खतरा बताया और इस संगठन पर कड़ा रुख अपनाने की बात कही.
प्रियांक खड़गे ने अपने बयान में दावा किया कि आरएसएस की विचारधारा देश की एकता और अखंडता के लिए हानिकारक है. उन्होंने संगठन पर सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से समावेशी और प्रगतिशील विचारधारा को बढ़ावा देती रही है, जबकि आरएसएस की नीतियां उनके मुताबिक समाज को बांटने का काम करती हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनकी पार्टी को केंद्र में सत्ता मिलती है तो वह संविधान के दायरे में रहकर आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की दिशा में कदम उठाएगी.
प्रियांक खड़गे के इस बयान पर विपक्षी दलों, खासकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. बीजेपी नेताओं ने इसे कांग्रेस की तुष्टिकरण की राजनीति का हिस्सा बताया और कहा कि यह बयान देश के एक बड़े संगठन के खिलाफ अनुचित है. बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि आरएसएस एक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठन है जो देशहित में काम करता है, और इस तरह के बयान राजनीतिक लाभ के लिए दिए जा रहे हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि प्रियांक खड़गे का यह बयान कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा हो सकता है, जिसके तहत पार्टी अपने वोट बैंक को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह का बयान कांग्रेस के लिए उल्टा भी पड़ सकता है, क्योंकि यह ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है. खड़गे के बयान से पहले भी कई बार कांग्रेस और आरएसएस के बीच वैचारिक मतभेद सामने आ चुके हैं, लेकिन इस तरह का खुला बयान हाल के दिनों में कम ही देखा गया है.
प्रियांक खड़गे के बयान के बाद अब सभी की नजरें कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व पर टिकी हैं कि वे इस बयान का समर्थन करते हैं या नहीं. कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस के इस बयान से स्थानीय स्तर पर भी चर्चा तेज हो गई है. वहीं, आरएसएस ने अभी तक इस बयान पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन माना जा रहा है कि संगठन इस मामले में जल्द ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर सकता है.