महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी करने वालों को बुल्डोजर बाबा को सौंप दो, ममता बनर्जी को बर्खास्त करो, डॉक्टरों ने की मांग
ममता बनर्जी शर्म करो, महिला होकर महिला के सम्मान पर तो रहम करो, ममता सरकार पर फूट रहा लोगों का गुस्सा
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हैवानियत करने वाले दरिंदों को आखिर क्यों बचा रही है ममता सरकार
सांस थम जाएगी, रूह कांप जाएगी, महिला डॉक्टर के पोस्टमार्टम की रिपोर्ट देखकर निकल पड़ेंगी आपकी चीखें
एक निर्भया थी जिसके साथ हुई हैवानियत ने पूरे देश को झकझोर दिया था और अब एक ये कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी ने हर किसी के कलेजे को फाड़ दिया है। दुख की बात तो ये है कि इतनी बड़ी हैवानियत के आरोपियों को ममता सरकार बचा रही है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद एक महिला हैं उसके बाद भी वो महिलाओं के साथ दिल दहला देने वाली हैवानियत करने वालों को बचा रहे हैं। ममता बनर्जी की सरकार ने जब 5 दिन बाद भी आरोपियों की गर्दन नहीं दबोच पाई है तब लोगों की आवाज उठ रही है कि ऐसे दरिंदो को बुलडोजर बाबा को सौंप देना चाहिए और ममता बनर्जी की सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए। आपने कोलकाता की घटना में 31 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट तो देख ही ली होगी। अब आप खुद ही अंदाजा लगाइए कि ऐसे आरोपियों को भी अगर कोई संरक्षण दे रहा है तो वह कितना नीच हो सकता है। आज हम आपको अपनी इस रिपोर्ट में दरिंदों को संरक्षण देने वालों का पर्दाफाश तो करेंगे ही लेकिन उससे पहले आप हमें बता दीजिए कि क्या आप भी चाहते हैं कि आरोपियों पर बाबा का बुलडोजर चलना चाहिए और ममता बनर्जी को बर्खास्त कर पश्चिम बंगाल की कमान योगी आदित्यनाथ को सौंप देनी चाहिए। अगर हां तो एक बार अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
बता दें कि पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर की हैवानियत की खबर जिसने भी सुनी है उसके पैरों तले जमीन खिसक गई. इस हैवानियत के खिलाफ डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी.राज्य सरकार पर भी आरोप लग रहे हैं. वहीं, सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के एक सांसद ने अपनी ही सरकार के खिलाफ सवाल खड़े कर दिए हैं और खुद भी प्रदर्शन में शामिल होने का ऐलान किया है.
मामला जब कोलकाता हाई कोर्ट पहुंचा तो कोर्ट के सवालों के जवाब पुलिस को देते नहीं बने. अदालत ने पूछा कि तत्कालीन प्रिंसिपल की दूसरे कॉलेज में नियुक्ति क्यों की गई, प्रिंसिपल डॉ संदीप घोष से पूछताछ क्यों नहीं हुई, परिजनों को शव दिखाने में देरी क्यों की गई? पुलिस के पास इन सवालों के जवाब नहीं थे. इसके बाद हाई कोर्ट ने प्रिंसिपल डॉ संदीप कुमार घोष को छुट्टी पर जाने का आदेश दिया. इसके बाद कोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंप दी. हाई कोर्ट के आदेश पर CBI ने जांच अपने हाथ में ले है. आज पुलिस से CBI केस डायरी और दूसरे रिकॉर्ड हासिल करेगी. साथ ही साथ सीबीआई ऑफिसर्स की एक टीम डॉक्टर्स और फोरेंसिक एक्सपर्ट्स के साथ कोलकाता जाकर मौका ए वारदात पर मुआयना करेगी.
इधर, कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब लेडी डॉक्टर रेप और मर्डर की जांच सीबीआई के हवाले है, लेकिन उससे ठीक पहले आरजी कर अस्पताल के सेमिनार रूम के पास शुरू हुआ मरम्मत का काम सवालों के घेरे में है. ये सवाल इसलिए अहम है क्योंकि इसी सेमिनार रूम में लेडी डॉक्टर का शव मिला था. फिर ऐसी क्या जल्दी है कि यहां मरम्मत का काम शुरू कर दिया गया. शक है कि सीबीआई के पहुंचने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ कर उन्हें मिटाया जा सकता है. जाहिर है कि अभी तक मामले में सिर्फ एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है, जिसको कलकत्ता पुलिस का संरक्षण मिल रहा है। ममता बनर्जी की इस नीच मानसिकता के खिलाफ़ आज पूरे देश में आक्रोश है। यही कारण है कि आज लोग पश्चिम बंगाल की सरकार की बर्खास्त करने और बुलडोजर बाबा को कमान सौंपने की बात कर रहे हैं। ना सिर्फ ममता बनर्जी बल्कि तमाम विपक्षी नेता मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं। 32 वर्षीय महिला डॉक्टर के साथ निर्भया से भी बड़ी दरिंदगी करने वाले इन जानवरों को क्या सजा मिलनी चाहिए एक बार अपनी राय हमें कमेंट करके जरूर बताएं।
ब्यूरो रिपोर्ट Tnf Today