आगरा। आगरा छावनी परिषद क्षेत्र में लंबे समय से विकास कार्यों का रुकना स्थानीय जनता के बीच बड़ा सवाल बन गया है। सड़कें टूटी हुई हैं, स्ट्रीट लाइटें महीनों से बंद पड़ी हैं, पानी की सप्लाई बदहाल है और सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है। जनता का एक ही सवाल—आखिर विकास कार्य क्यों नहीं हो रहे?
अधिकारी मौन, विकास कार्य ठप
स्थानीय लोगों का आरोप है कि छावनी परिषद के कर्मचारी और अधिकारी “मौन बाबा” बने बैठे हैं। ना तो समस्याओं की सुनवाई हो रही है और ना ही किसी कार्य में तेजी दिखाई दे रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि या तो अधिकारी कार्य करने में रुचि नहीं ले रहे हैं, या फिर किसी दबाव में विकास कार्यों को रोक दिया गया है।
नामित सदस्य राजेश गोयल लगातार प्रयासरत—फिर भी कार्य क्यों नहीं?
छावनी परिषद क्षेत्र के मनोनीत सदस्य राजेश गोयल का कार्यकाल लगभग 1 वर्ष पूरा होने को है। राजेश गोयल लगातार जनता के बीच रहने, समस्याएँ सुनने और विकास कार्य कराने को लेकर सक्रिय बताए जाते हैं।
लेकिन सवाल यह है कि जब जनप्रतिनिधि प्रयासरत हैं, तो काम क्यों नहीं हो रहा? क्या अधिकारी सहयोग नहीं कर रहे? या फिर कोई आंतरिक दबाव है जिसकी वजह से फाइलें ही आगे नहीं बढ़ रहीं? क्षेत्र की जमीनी हकीकत,पानी व्यवस्था चरमराई, लोग 4 घंटे पानी को तरस रहे स्ट्रीट लाइटें बंद, अंधेरे में बढ़ रहा, दुर्घटना और अपराध का खतरा, सड़कें–खड़ंजे जर्जर, पैदल चलना मुश्किल,शौचालय बदहाल, स्वच्छता व्यवस्था पूरी तरह ध्वस्त
इन सभी समस्याओं से क्षेत्रवासियों का धैर्य अब जवाब देने लगा है।
जनता पूछ रही—जिम्मेदार कौन?
छावनी क्षेत्र के लोग अब एकमत होकर यह सवाल उठा रहे हैं। “जब अधिकारी काम नहीं करेंगे, और जनप्रतिनिधि भी विकास नहीं करा पा रहे, तो फिर जनता किससे उम्मीद रखे?” क्षेत्रवासियों ने मांग की है कि,विकास कार्यों में देरी की जांच हो, जिम्मेदार अधिकारियों की जवाबदेही तय हो,और क्षेत्र में रुके सभी काम तुरंत शुरू किए जाएं। विकास कार्यों का रुकना न सिर्फ प्रशासनिक उदासीनता दर्शाता है, बल्कि यह क्षेत्रीय जनता के साथ बड़ी लापरवाही भी है। लोगों का कहना है कि यदि हालात ऐसे ही रहे, तो छावनी परिषद क्षेत्र विकास से कोसों दूर होता जाएगा।





