30 सेकंड तक नहीं खोलीं आंखें और फिर… 121 मौतों के 5 दिन बाद ‘प्रकट’ हुए भोले बाबा का अजब नाटक

 हाथरस में मची भगदड़ को लेकर ‘भोले बाबा’ ने दुख जताया है. इस घटना के पांच दिन बाद पहली बार बाबा ने मीडिया में आकर अपनी बात रखी है.

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हाथरस में मची भगदड़ के पांच दिन के बाद ‘भोले बाबा’ के नाम से प्रचलित सूरजपाल ने पहली बार मीडिया के सामने आकर अपनी बात रखी. न्यूज एजेंसी एएनआई से की बातचीत के दौरान इस बाबा का अलग ही रूप देखने को मिला. एएनआई से बातचीत करने के लिए दौरान इस हादसे को लेकर जैसे ही रिपोर्ट ने बाबा से उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए माइक उसके तरफ किया तो उसने अपनी बात रखने से पहले 30 सेकेंड तक कुछ नहीं बोला. इस दौरान उसने अपनी आंखें बंद रखीं. ऐसा लग रहा था जैसे बाबा जानबूझकर ध्यान लगा रहा हो. 30 सेकेंड के बाद बाबा ने धीरे धीरे अपनी आंख खोली और उसके बाद अपनी बात रखी. बाबा ने कहा कि जो घटना दो जुलाई को हुई है उसे लेकर मेरा मन भी दुखी है. इस हादसे को लेकर बाबा ने कहा कि वह इस घटना से बहुत ज्यादा दुखी है. सूरजपाल का कहना है कि लोगों को प्रशासन पर विश्वास रखना चाहिए. किसी भी उपद्रवी को बख्शा नहीं जाएगा. बाबा ने कहा कि दुख की इस घड़ी में प्रभु लोगों को इससे उबरने की शक्ति दें. सूरजपाल को उनके अनुयायी ‘भोले बाबा’ के तौर पर जानते हैं. हाथरस में सत्संग के दौरान मची भगदड़ के बाद पहली बार सूरजपाल का बयान सामने आया है.इस बाबा के पास कई आश्रम हैं. इन्हीं में से एक आश्रम है मैनपुरी का. इस आश्रम की आलीशान इमारत है, उसके गेट पर ताला जड़ा है और चार गार्ड इसकी सुरक्षा में तैनात है. आश्रम में ताला कब से और क्यों लगा है, ये जानने के लिए जब एनडीटीवी ने इस आश्रम के गार्ड प्रताप सिंह से बात की तो उसने बताया कि उसे नहीं मालूम है कि आखिर इस आश्रम के अंदर ऐसा क्या बना है. उसका कहा है किय यहां तो कई साल से ताला लगा है. कोई भी अंदर नहीं जा सकता है. भोले बाबा का आर्थिक सामराज्य उसके आध्यात्मिक संसार से कही ज्यादा रहस्यमयी और आलीशान है. इसके अलावा नारायण साकार हरि चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम पर सैकड़ों बीघा जमीन खरीदने की बात सामने आई है. ये भी पता चला है कि भोले बाबा के भक्तों के नाम पर करीब दर्जनों लग्जरी गाड़ियां भी खरीदी गई है.

बीते दिनों TNF Today की पड़ताल में पता चला था कि ‘भोले बाबा’ का उत्तर प्रदेश के कासगंज, मैनपुरी, आगरा, कानपुर और मध्य प्रदेश के ग्वालियर में बड़े आश्रम हैं.  इनकी चल अचल संपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा है. अकेले मैनपुरी के बिछवां आश्रम की जमीन की कीमत ही चार करोड़ के आसपास है. सूत्रों के मुताबिक विनोद नाम के एक सेवादार ने इतनी कीमती जमीन बाबा भोले के ट्रस्ट को दान में दे दी है. अब राजस्व विभाग इस जमीन की जांच कर रही है. आश्रम के सामने करीब 50 बीघे जमीन को भी ‘भोले बाबा’ ने लीज पर ली हुई है. 

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