दिल्ली सरकार इस माह 9 मीटर की छोटी इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर लाने के लिए तैयार है, साथ ही परिचालन की बाधाएं दूर हो गई हैं। पिछली सरकार की ‘मोहल्ला बस’ योजना को नए नाम से शुरू किया जाएगा। वही सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें मुहैया कराने वाली तीनों कंपनियों जेबीएम, पीएमआई और स्विच मोबिलिटी को 6 माह का समय दे दिया है।
दिल्ली सरकार 9 मीटर लंबाई वाली छोटी साइज की इलेक्ट्रिक बसों को इसी महीने सड़कों पर उतारने की तैयारी कर रही है। इनके परिचालन की राह में आ रही मुख्य बाधा को अब दूर कर लिया गया है और बस निर्माता कंपनियों व ऑपरेटरों को बसें परिचालन के लिए पूरी तरह तैयार रखने का निर्देश दे दिया है। हालांकि, अभी इनकी नए सिरे से ब्रांडिंग होना बाकी है। पिछली सरकार ने इन छोटी इलेक्ट्रिक बसों को मोहल्ला बसों के नाम से चलाने का निर्णय लिया था, लेकिन अब नई सरकार एक नए नाम के साथ इन बसों को सड़कों पर उतारेगी।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार ने इलेक्ट्रिक बसें मुहैया कराने वाली तीनों कंपनियों जेबीएम, पीएमआई और स्विच मोबिलिटी को 6 महीने का वक्त दे दिया है। इस दौरान इन कंपनियों को आई कैट और एआरएआई जैसी एक्सपर्ट एजेंसियों से अपनी बसों की जांच करवा के स्वदेशीकरण के सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया को पूरा करना होगा और सभी जरूरी डॉक्युमेंट्स ट्रांसपोर्ट विभाग को सब्मिट करने होंगे। इसके लिए इन कंपनियों ने सरकार को लिखित में अंडरटेकिंग भी दे दी है।
कुशक नाला डिपो पर 9 मीटर लंबाई वाली 300 इलेक्ट्रिक बसें पहले से ही आकर खड़ी हैं। वही इनमें से 180 बसें बिल्कुल रेडी कंडीशन में हैं। सरकार से ग्रीन सिग्नल मिलते ही 10 दिनों के अंदर उन पर नए सिरे से ब्रांडिंग करके उन्हें सड़कों पर उतारा जा सकता है। साथ ही इसके अलावा क्लस्टर स्कीम के तहत चलाने के लिए भी 12 मीटर लंबाई वाली बड़ी साइज की 80 इलेक्ट्रिक बसें भी तैयार हैं। वही डीटीसी की भी कुछ इलेक्ट्रिक बसें सड़कों पर उतरने के लिए तैयार है। बताया जा रहा है कि छोटी-बड़ी 300 से अधिक इलेक्ट्रिक बसों को सड़कों पर उतारने की तैयारी है, जिसके बाद पुरानी बसों के फेज आउट होने से पैदा होने वाली बसों की कमी को काफी हद तक दूर किया जा सकेगा।