नई दिल्ली के नेहरू विहार इलाके में शनिवार की रात एक दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जिसमें 9 साल की बच्ची का शव एक सूटकेस में अर्धनग्न और गंभीर रूप से घायल अवस्था में मिला। बच्ची के परिवार ने कॉलोनी में रहने वाले नौशाद पर रेप के बाद हत्या का आरोप लगाया है। पुलिस ने बताया कि बच्ची को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में उसकी मौत हो गई। आरोपी नौशाद घटना के बाद से फरार है, और उसकी तलाश में दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में छापेमारी चल रही है।
बच्ची के पिता ने बताया कि शनिवार शाम उनकी बेटी दादी के घर बर्फ देने गई थी, लेकिन देर तक वापस नहीं लौटी। जब परिजनों ने तलाश शुरू की, तो गली में खेल रहे बच्चों ने बताया कि उन्होंने बच्ची को पास के एक फ्लैट में जाते देखा था। परिजन उस फ्लैट पर पहुंचे, जहां ताला लगा था। ताला तोड़ने पर अंदर एक सूटकेस मिला, जिसमें से खून रिस रहा था। सूटकेस खोलने पर बच्ची बेहोशी की हालत में मिली। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।
पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने प्रिवेंशन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्शुअल ऑफेंसेज (POCSO) एक्ट के तहत मामला दर्ज किया है। क्राइम और फोरेंसिक साइंस लैब (FSL) की टीमें घटनास्थल की जांच कर रही हैं। आरोपी नौशाद की तलाश में छह टीमें गठित की गई हैं, जो दिल्ली के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के हापुड़, गाजियाबाद और आसपास के इलाकों में छापेमारी कर रही हैं। नौशाद के भाई को हिरासत में लिया गया है, और उससे पूछताछ जारी है।
नौशाद उसी फ्लैट में रहता था, जहां बच्ची का शव मिला। वह बिरयानी बेचने का काम करता है और उसकी पत्नी मायके गई हुई थी, जिसके चलते वह घर में अकेला था। पुलिस के अनुसार, नौशाद पर परिवार का रेप और हत्या का प्रयास का आरोप है, और उसकी गिरफ्तारी के लिए सघन तलाशी अभियान चल रहा है।
इलाके में तनाव और प्रदर्शन
घटना के बाद नेहरू विहार में तनाव का माहौल है। स्थानीय लोगों ने रविवार को सड़क जाम कर प्रदर्शन किया और कड़ी कार्रवाई की मांग की। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर गुस्सा और दुख व्यक्त किया जा रहा है, जिसमें लोग बच्चों की सुरक्षा और सख्त कानून व्यवस्था की मांग कर रहे हैं।
यह घटना बच्चों की सुरक्षा और समाज में बढ़ती क्रूरता पर गंभीर सवाल उठाती है। हाल के दिनों में लखनऊ में ढाई साल की बच्ची से रेप और अब दिल्ली में 9 साल की बच्ची के साथ रेप और हत्या की घटना ने समाज को झकझोर कर रख दिया है। लोग सवाल उठा रहे हैं कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए व्यवस्था कब मजबूत होगी। पुलिस की त्वरित कार्रवाई और एनकाउंटर जैसे कदम अपराधियों को सजा तो दिला रहे हैं, लेकिन इन घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए और सख्त कदमों की जरूरत है।