डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक के औचक निरीक्षण में उजागर हुई लापरवाही, कर्मचारियों का वेतन काटने के निर्देश

मथुरा। उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने मथुरा के गोवर्धन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) का औचक निरीक्षण कर स्वास्थ्य विभाग में व्याप्त अनुशासनहीनता और लापरवाही को उजागर किया। निरीक्षण के दौरान आधे से ज्यादा स्वास्थ्यकर्मी अनुपस्थित पाए गए, जिसके बाद डिप्टी सीएम ने कड़ा रुख अपनाते हुए कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। इस छापेमारी से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है, और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) को तलब कर जांच रिपोर्ट मांगी गई है।

निरीक्षण में क्या मिला?

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने मथुरा दौरे के दूसरे दिन गोवर्धन CHC का दौरा किया। इस दौरान स्वास्थ्य केंद्र में कई गंभीर खामियां सामने आईं। 30 से ज्यादा कर्मचारी ड्यूटी पर गायब मिले, जिसमें डॉक्टर और अन्य स्टाफ शामिल थे।
अस्पताल में दवाइयों की उपलब्धता और मरीजों की देखभाल में कमी पाई गई। मरीजों ने शिकायत की कि उन्हें समय पर दवाइयां और उपचार नहीं मिल रहा। अस्पताल में अग्नि सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं थे, जो मरीजों और कर्मचारियों के लिए बड़ा खतरा है। कई कर्मचारी बिना सूचना के गैरहाजिर थे, जिससे मरीजों को स्वास्थ्य सेवाएं नहीं मिल पा रही थीं।

डिप्टी सीएम ने मरीजों से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं और स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति पर गहरी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य सेवाएं जनता का मूलभूत अधिकार हैं। कर्मचारियों की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

क्या कार्रवाई हुई?

निरीक्षण के बाद ब्रजेश पाठक ने तत्काल कदम उठाते हुए अनुपस्थित कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए गए। तथा मथुरा के सीएमओ को तलब कर अनुशासनहीनता और लापरवाही की पूरी जांच करने और जल्द से जल्द रिपोर्ट सौंपने को कहा गया। दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ निलंबन सहित कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई। डिप्टी सीएम ने स्वास्थ्य केंद्रों में दवाइयों की उपलब्धता और मरीजों की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम ने मरीजों से बातचीत की। कई मरीजों ने बताया कि डॉक्टर और स्टाफ की अनुपस्थिति के कारण उन्हें समय पर इलाज नहीं मिल पाता। कुछ मरीजों ने दवाइयों की कमी और अस्पताल की साफ-सफाई पर भी सवाल उठाए। ब्रजेश पाठक ने मरीजों को भरोसा दिलाया कि उनकी शिकायतों का तुरंत समाधान किया जाएगा।

डिप्टी सीएम का यह औचक निरीक्षण स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। गोवर्धन CHC की स्थिति ने एक बार फिर उत्तर प्रदेश के ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली को उजागर किया है। विपक्षी दलों ने इस घटना को लेकर सरकार पर निशाना साधा है और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की मांग की है। दूसरी ओर, स्थानीय लोगों ने डिप्टी सीएम के इस कदम की सराहना की है और उम्मीद जताई है कि इससे स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा।

ब्रजेश पाठक ने अपने बयान में कहा, “हमारी सरकार जनता की सेहत को लेकर गंभीर है। स्वास्थ्य केंद्रों में लापरवाही और अनुशासनहीनता को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।” उन्होंने अधिकारियों को चेतावनी दी कि भविष्य में ऐसी लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे निरीक्षण

यह पहला मौका नहीं है जब ब्रजेश पाठक ने स्वास्थ्य सेवाओं की खामियों को उजागर किया हो। इससे पहले भी उन्होंने सीतापुर और अन्य जिलों में अस्पतालों का औचक निरीक्षण किया था, जहां भी ऐसी ही अनियमितताएं सामने आई थीं। उनके इन कदमों से स्वास्थ्य विभाग में सुधार की उम्मीद जगी है, लेकिन साथ ही यह सवाल भी उठ रहा है कि क्या ये औचक निरीक्षण स्थायी बदलाव ला पाएंगे?

गोवर्धन CHC की इस घटना ने एक बार फिर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर सवाल खड़े किए हैं। डिप्टी सीएम ने स्पष्ट किया है कि वह नियमित रूप से ऐसे निरीक्षण जारी रखेंगे और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे। सीएमओ की जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ जल्द ही कार्रवाई की उम्मीद है।

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