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भारत-अमेरिका ट्रेड डील पर चर्चा. इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ की घोषणा

Published On: July 16, 2025
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ट्रंप की नई व्यापार रणनीति

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हाल ही में इंडोनेशिया के साथ एक महत्वपूर्ण व्यापार समझौते की घोषणा की है. इस डील के तहत अमेरिकी निर्यात पर कोई टैरिफ नहीं लगेगा, जबकि इंडोनेशिया से आयात होने वाले सामानों पर 19% टैरिफ लागू किया गया है. ट्रंप ने इस मौके पर भारत के साथ भी इसी तरह की एक ट्रेड डील की संभावना जताई, जिसके लिए बातचीत चल रही है. यह कदम वैश्विक व्यापार में अमेरिका की स्थिति को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है.

ट्रंप ने अपने बयान में कहा कि इंडोनेशिया के साथ यह ट्रेड डील अमेरिका के लिए फायदेमंद है, क्योंकि इससे अमेरिकी उत्पादों को इंडोनेशियाई बाजार में बिना किसी टैरिफ के प्रवेश मिलेगा. दूसरी ओर, इंडोनेशिया से आने वाले सामानों पर 19% शुल्क लगाया जाएगा. यह समझौता वैश्विक टैरिफ युद्ध के बीच चौथी बड़ी ट्रेड डील है, जो ट्रंप प्रशासन की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को दर्शाता है. इस डील से अमेरिकी कंपनियों को नए बाजारों में विस्तार करने का मौका मिलेगा, जबकि इंडोनेशिया को अपनी अर्थव्यवस्था पर अतिरिक्त दबाव का सामना करना पड़ सकता है.

ट्रंप ने भारत के साथ भी एक समान ट्रेड डील की ओर इशारा किया है. उन्होंने कहा कि भारत के साथ बातचीत चल रही है और जल्द ही एक ऐसी डील हो सकती है, जो अमेरिकी उत्पादों के लिए भारतीय बाजार को और खोलेगी. ट्रंप का दावा है कि भारत में अमेरिकी कंपनियों को बेहतर पहुंच मिलेगी, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार संतुलन में सुधार होगा. हालांकि, भारत ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह डील भारतीय निर्यातकों के लिए चुनौतियां पेश कर सकती है.

इंडोनेशिया पर 19% टैरिफ की घोषणा से वैश्विक बाजारों में हलचल मच गई है. एशियाई बाजारों में इस खबर का मिश्रित असर देखा गया, क्योंकि निवेशक अब भारत और अन्य देशों के साथ होने वाली ट्रेड डील्स पर नजर रखे हुए हैं. ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर कुछ देशों ने चिंता जताई है, क्योंकि इससे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हो सकती है. भारत के लिए यह डील कृषि, डेयरी, और तकनीकी क्षेत्रों में नए अवसर ला सकती है, लेकिन साथ ही यह घरेलू उद्योगों पर दबाव भी बढ़ा सकती है.

भारत में विपक्षी दलों ने ट्रंप के बयान पर सवाल उठाए हैं. कुछ नेताओं ने इसे भारत की आर्थिक संप्रभुता पर खतरे के रूप में देखा है. सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे पर बहस छिड़ी है, जहां कुछ लोग इसे सरकार की कमजोर नीति का परिणाम बता रहे हैं. हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई स्पष्ट रुख नहीं अपनाया है, लेकिन व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि भारत को इस डील में अपने हितों की रक्षा के लिए सावधानी बरतनी होगी.

ट्रंप की इंडोनेशिया के साथ ट्रेड डील और भारत के साथ चल रही बातचीत वैश्विक व्यापार की नई दिशा को दर्शाती है. यह डील भारत के लिए अवसर और चुनौतियां दोनों लेकर आएगी. अब सभी की नजर इस बात पर है कि भारत इस समझौते को अपने पक्ष में कैसे मोड़ता है.

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