कानपुर में डीएम-सीएमओ विवाद गहरायातीन राजनेताओं ने लिया सीएमओ का पक्ष. डीएम के समर्थन में भी पत्र

कानपुर में जिलाधिकारी (डीएम) और मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) के बीच विवाद ने तूल पकड़ लिया है. सीएमओ की कथित आवाज में डीएम के खिलाफ अभद्र टिप्पणी वाला ऑडियो वायरल होने के बाद मामला गर्माया. इस प्रकरण में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना, गोविंदनगर विधायक सुरेंद्र मैथानी और एमएलसी अरुण पाठक ने सीएमओ के समर्थन में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को पत्र लिखा. दूसरी ओर, बिठूर विधायक अभिजीत सिंह सांगा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर सीएमओ पर कार्रवाई और उनके तबादले की मांग की. यह विवाद अब कानपुर से लखनऊ तक चर्चा का विषय बन गया है.

सोमवार को डीएम जितेंद्र सिंह ने सभी विभागों की बैठक में सीएमओ हरिदत्त नेमी से वायरल ऑडियो के बारे में पूछा. सीएमओ ने इसे एआई जनरेटेड बताकर खुद को फंसाने की साजिश करार दिया. डीएम ने उन्हें इसकी पुलिस में शिकायत दर्ज करने को कहा और बैठक से जाने के लिए निर्देश दिया. डीएम ने सीएमओ की कार्यप्रणाली और अनियमितताओं का हवाला देते हुए प्रमुख सचिव को पत्र लिखकर उनके तबादले की सिफारिश की. इसके बाद मामला और गहरा गया. सूत्रों के मुताबिक, सीएमओ की आवाज में कई अन्य ऑडियो भी सामने आए हैं, जिनमें पूर्व डीएम के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां हैं.

सीएमओ के समर्थन में लिखे गए पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. इनमें जनप्रतिनिधियों ने कहा कि यदि सीएमओ की कोई अनियमितता पकड़ी गई है, तो डीएम को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए. दूसरी ओर, सांगा ने अपने पत्र में सीएमओ पर अवैध निजी अस्पतालों को संरक्षण देने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि इन अस्पतालों में मरीजों से मनमाने पैसे वसूले जा रहे हैं, जिससे सरकारी अस्पतालों की व्यवस्था प्रभावित हो रही है. सांगा ने सीएमओ की जांच और तबादले की मांग की.

हालांकि, सांसद रमेश अवस्थी ने इस विवाद में पत्र लिखने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि जनहित के मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए, न कि विवादों में पड़ना चाहिए. सूत्रों का दावा है कि किसी प्रभावशाली व्यक्ति ने जनप्रतिनिधियों से संपर्क कर सीएमओ के पक्ष में पत्र लिखवाए. यह प्रकरण प्रशासनिक स्तर पर समन्वय की कमी को दर्शाता है और शहर में चर्चा का केंद्र बना हुआ है.

Leave a Comment