दो वर्ष के बच्चे की बर्ड फ्लू से मौत

आंध्र प्रदेश में हाई अलर्ट जारी

अमरावती। आंध्र प्रदेश में पिछले महीने दो वर्ष की बच्ची की ‘बर्ड फ्लू’ से मौत हो गई। अधिकारी ने बताया कि बच्ची की मृत्यु 15 मार्च को हुई थी और बाद में पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान ने उसके नमूने की जांच में ‘बर्ड फ्लू’ संक्रमण की पुष्टि की। पूरे परिवार में केवल बच्चे को ही बर्ड फ्लू हुआ।

आंध्र प्रदेश के पालनाडु जिले के नरसरावपेट शहर में एक दुखद घटना हुई। दो साल की एक बच्ची की बर्ड फ्लू से मौत हो गई। बच्ची के माता-पिता ने उसे कच्चा चिकन खाने को दिया था। यह राज्य में बर्ड फ्लू से हुई पहली मौत है। पूरे भारत में यह दूसरा मामला है। इससे पहले 2021 में हरियाणा में ऐसा मामला सामने आया था।

बच्ची को 4 मार्च को एम्स -मंगलगिरी में भर्ती कराया गया था। उसे बर्ड फ्लू के लक्षण थे। 16 मार्च को उसकी मौत हो गई। बुधवार को अधिकारियों ने बच्ची के स्वैब टेस्ट के नतीजों की दोबारा पुष्टि की। इसके बाद यह मामला सामने आया।

पुणे के राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान और गुंटूर की वायरस रिसर्च एंड डायग्नोस्टिक लेबोरेटरी ने बच्ची के नमूनों में H5N1 वायरस पाया। राज्य सरकार ने हाई अलर्ट जारी कर दिया है। सभी जिला चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारियों को संवेदनशील क्षेत्रों में बुखार की जांच करने का आदेश दिया गया है। प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) एमटी कृष्णा बाबू ने कहा कि हम असामान्य लक्षणों वाले लोगों की भी तलाश कर रहे हैं।

हालांकि, अधिकारियों ने लोगों को भरोसा दिलाया है कि डरने की कोई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि मौत का कारण कच्चा चिकन खाना है, न कि इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलना। बच्ची के माता-पिता ने बताया कि उन्होंने 28 फरवरी को उसे थोड़ा सा कच्चा चिकन खाने को दिया था। उन्होंने पहले भी कई बार ऐसा किया था और कोई दिक्कत नहीं हुई थी। लेकिन इस बार उसकी तबीयत बिगड़ गई। उसे सांस लेने में तकलीफ और दस्त जैसी गंभीर समस्याएं हो गईं।

बच्ची के पिता एक प्राइवेट बैंक में लोन रिकवरी एजेंट हैं। उसकी मां गृहिणी हैं। बच्ची को पहले एक लोकल अस्पताल में ले जाया गया। हालत बिगड़ने पर उसे एम्स में रेफर कर दिया गया।

डॉक्टरों ने 7 मार्च को नाक के स्वैब के नमूने लिए। अस्पताल की वीआरडीएल में इन्फ्लूएंजा ए की पुष्टि हुई। नई दिल्ली में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की लैब में आगे की जांच में H5N1 वायरस पाया गया। एनआईवी पुणे ने बच्ची की मौत से पहले नतीजों की दोबारा पुष्टि की।

परिवार के अन्य सदस्यों ने भी पका हुआ चिकन खाया था, लेकिन वे स्वस्थ हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों ने परिवार और उसी मीट शॉप से चिकन खरीदने वाले अन्य लोगों के नाक के स्वैब के नमूने लिए। शुरुआती सभी टेस्ट नेगेटिव आए। एक वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि हमने एक बार फिर परिवार के सदस्यों के नाक के स्वैब के नमूने लिए हैं और उन्हें वीआरडीएल में विश्लेषण के लिए भेजा है।

पशुपालन निदेशक डॉ।टी दामोदर नायडू ने लोगों को सलाह दी है कि वे चिकन और अंडे को अच्छी तरह पकाने के बाद ही खाएं। उन्होंने कहा कि बर्ड फ्लू वायरस 60 से 70 डिग्री सेल्सियस से ऊपर के तापमान पर जीवित नहीं रह सकता है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने आगे फैलने की आशंका को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि H5N1 का इन्क्यूबेशन पीरियड (वायरस के शरीर में प्रवेश करने और लक्षण दिखने के बीच का समय) तीन से चार दिन का होता है। एक स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि बच्ची की मौत 18 दिन पहले हुई थी और कोई नया मामला सामने नहीं आया है, इसलिए संक्रमण फैलने की कोई संभावना नहीं है।

अपहरणकर्ताओं की बाद की गिरफ्तारी से साजिश में दीप्ति की संलिप्तता का पता चला। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों में राकेश चंद्र बारिक, श्यामसुंदर साहू, सिबाराम बेहरा, आकाश कुमार परिदा और प्राप्ति शर्मा शामिल हैं। पुलिस ने एक सफेद आई-20 कार, एक सफेद होंडा सिटी, आठ मोबाइल फोन और हमले में इस्तेमाल किया गया लकड़ी का तख्ता बरामद कर लिया है।

पुलिस ने यह भी बताया कि इस घटना में शामिल राकेश चंद्र बारिक का पहले भी आपराधिक इतिहास रहा है।

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