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जिम्मेदारों की चुप्पी से धूल के गुबार व सड़क पर भारी जलजमाव के बीच जीवन जीने को मजबूर क्षेत्रीय निवासी

Published On: November 26, 2025
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  • 102 करोड़ से नाला निर्माण का बजट कागजों तक सिमटा पटल पर धूल और जलभराव
  • NHAI, PWD, जनप्रतिनिधियों व प्रशासन की लापरवाही का दंश झेल रहे ग्रामीण

इटौरा। आगरा-ग्वालियर रोड़ की स्थिति दिनोंदिन बदहाल व बदतर होती जा रही हैं। बदहाल हाइवे की स्तिथि व उड़ते धूल के गुबार पर जिम्मेदारों ने चुप्पी साध ली हैं, जिसका खामियाजा क्षेत्रीय निवासियों को उठाना पड़ रहा हैं। हाइवे पर जिम्मेदारों का जिम्मेदार कार्य न होने की वजह से ग्वालियर हाइवे इटौरा की ग्राम पंचायत नगला माकरोल से पूजा डेरी नगला पदमा तक गड्ढायुक्त हो चुका हैं। जहां धूल के गुबार पूरे दिन उड़ता हुआ दिखाई देते व जलभराव के चलते हाइवे एकल यात्रा के लिए चल रहा हैं। हाइवे पर फर्राटा भरते वाहनों की गति से उड़ती धूल के कारण स्थानीय निवासी सर्द मौसम में भी घरों में कैद होने को मजबूर हैं।
वहीं रोहता के मेन चौराहे से पूजा डेरी तक भारी जलजमाव ने हाइवे को एकतरफा यातायात पर चलने को मजबूर तो कर ही दिया हैं साथ ही वाहनों की रफ़्तार पर ब्रेक लगा दिया हैं। जिससे वहाँ पूरे दिन वाहनों की श्रंखला से सड़क पर वाहनों का रेंग कर चलना व सड़क पर जाम आम बात हो गयी हैं। स्थानीय थाना पुलिस को प्रतिदिन जाम के झाम से मुक्ति के लिए वहाँ जद्दोजहद करनी पड़ती हैं।

बीते महीनों पूर्व हाइवे को गड्ढा मुक्त व हाईवे के दोनों और नाला निर्माण को लेकर कांग्रेस के नेता आगरा जिलाअध्यक्ष कांग्रेस रामनाथ सिकरवार ने 30 दिनों से अधिक समय तक हाईवे के जीर्णोद्धार के लिए धरना दिया था, जो लगभग असफल रहा। किसान नेता श्याम सिंह चाहर व सामाजिक संगठन सिस्टम तो सुधरेगा के अध्यक्ष नीरज शर्मा ने भी नाला निर्माण व हाइवे के पुनः यथास्थिति में लाने को धरना दिया था। किसान नेता व सामाजिक संगठन के अध्यक्ष ने खून से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र भी लिखा था। जिसका संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने तत्काल प्रभाव से हाइवे के दोनों ओर पदमा नगला से ककुआ तक नाला निर्माण के लिए 102 करोड रुपए का बजट भी पास कराया था लेकिन अभी तक 102 करोड रुपए का बजट सिर्फ कागजों में ही सामने आया है, जो केवल पटल पर दिखाई देती है। भारी जलजमाव और उड़ते हुए धूल के गुबार, शासन के लचर रवैये को लेकर स्थानीय निवासियों में रोष है। क्षेत्रीय निवासियों का कहना है कि योगी सरकार ने सिर्फ उन्हें गुमराह किया है। भाजपा की सरकार ने गड्ढा मुक्त सड़क का वादा किया था लेकिन उन्होंने गड्ढामुक्त की जगह गड्ढायुक्त सड़क का तोहफा दे दिया। क्षेत्रीय निवासियों ने अपने प्रतिनिधियों पर लेकर भी काफी नाराजगी जाहिर की।

स्थानीय निवासियों ने कहा है यह जलभराव व हाइवे पर जानलेवा गड्डो की समस्या सालों साल से हैं जो बीतते समय के साथ विकराल रूप लेती हुई जा रही है लेकिन कोई भी जनप्रतिनिधि इस समस्या को प्रमुखता से नहीं ले रहे हैं। सभी जिम्मेदार मौन व मूकदर्शक बने हुए हैं। हाईवे पर बदहाली की वजह से आये दिन हादसे होना आम बात हो गई है। इस हाईवे से प्रतिदिन विदेशी सैलानी भी निकल कर जाते हैं जो ताज नगरी की धूमिल छवि को अपने कमरे में कैद कर ताज नगरी की छवि को धूमिल करने के लिए काफी है। जिम्मेदारों को अब आगे आना होगा क्योंकि हाईवे ग्वालियर हाईवे नहीं हादसों का हाईवे बनता जा रहा है। प्रतिदिन छोटी मोटी घटना यहां पर होती रहती है और बीते कुछ वर्षों में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों को यह हाईवे काल के गाल में समा चुका है।

क्षेत्रीय निवासियों ने जनप्रतिनिधियों को चेतावनी दी है कि अगर हमारे स्थानीय नेताओं व जनप्रतिनिधियों के साथ वर्तमान सरकार ने समय रहते हमें इस दंश से मुक्त नहीं कराया तो वह आगामी विधानसभा और लोकसभा चुनाव में उन्हें बाहर का रास्ता दिखा कर करारा जवाब भी दे सकते हैं।

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