आगरा के दयालबाग स्थित यूनियन बैंक की शाखा में बैंक कर्मचारियों और एक एजेंट की मिलीभगत से तीन लाख रुपये की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। पीड़ित ने चार साल तक अधिकारियों के चक्कर काटने के बाद डीसीपी सिटी से शिकायत की, जिसके बाद न्यू आगरा थाना में केस दर्ज किया गया है।
पीड़ित उमेशचंद अवस्थी का आरोप है कि मार्च 2019 में उन्हें बैंक से कॉल आई कि उनका खाता एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग असेट) हो रहा है, इसलिए तीन लाख रुपये जमा करने होंगे। इसके बाद उन्होंने अपने भतीजे धर्मेंद्र कुमार पचौरी के माध्यम से यह राशि जमा करवाई। बैंक मैनेजर ने इसे मिसलेनियस खाते में जमा करा दिया, जो गलत था। बाद में बैंक ने फिर से पैसे जमा करने को कहा, तो उमेशचंद ने दोबारा तीन लाख रुपये जमा करवा दिए।
कोरोना काल के बाद जब बैंक खाते की जांच की गई तो पता चला कि बैंक मैनेजर ने पहली तीन लाख रुपये की रकम एजेंट धर्मेंद्र और उसके साथियों के खातों में जमा करवा दी थी। एजेंट ने यह रकम हड़प ली। डीसीपी सिटी सोनम कुमार ने पुष्टि की है कि मामले में जांच जारी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।