ग्राम उत्तू में सोमवार को जो सुबह हंसी-ठिठोली के साथ शुरू हुई थी, वह दोपहर तक मातम और चीत्कार में बदल गई। एक दर्दनाक हादसे में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई, जिससे गांव में शोक की लहर दौड़ गई।
हादसा भरतपुर के दौलतगढ़ गांव के पास हुआ, जहां चंबल जल परियोजना की पाइपलाइन बिछाने के लिए खोदे गए गड्ढे में मिट्टी धंसने से यह जानलेवा दुर्घटना हुई। हादसे में विमला देवी (45), विनोद देवी (50), अनुकूल (22) और योगेश (22) की मौत हो गई, जबकि दो अन्य घायल हैं।
परिवार के चार शव जब गांव पहुंचे, तो हर आंख नम हो गई। एक साथ चार अर्थियों को कंधा देते हुए पूरा गांव रो पड़ा। अंतिम संस्कार के समय सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। मुखाग्नि परिवार के युवक बंटू ने दी।
इस हादसे में योगेश के एक साल के बेटे चैतन्य की मासूम मौजूदगी ने सभी का दिल छलनी कर दिया। पिता अमित की गोद में खेलते चैतन्य को देखकर हर कोई भावुक हो गया। चैतन्य बार-बार मां को ढूंढता रहा, जिसे अब वह कभी नहीं देख पाएगा।
गांव वालों ने बताया कि पाइपलाइन के गड्ढे की सुरक्षा के लिए कोई बैरिकेडिंग नहीं की गई थी। हादसे के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन से आर्थिक सहायता की मांग की है।
घटना के बाद पुलिसकर्मियों ने न सिर्फ शवों को कंधा दिया, बल्कि श्मशान घाट पर चिता की तैयारी में भी मदद की। यह दृश्य इंसानियत की मिसाल बन गया।