मैनपुरी के गोसलपुर में बिजली संकट: 15 दिन से अंधेरा, ग्रामीणों का विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन

खराब ट्रांसफॉर्मर से बढ़ी परेशानी
मैनपुरी के गोसलपुर गहियर गांव में पिछले 15 दिनों से बिजली आपूर्ति ठप है. खराब ट्रांसफॉर्मर को न बदलने के कारण ग्रामीणों को भीषण गर्मी में गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. बिजली की कमी ने न केवल दैनिक जीवन को प्रभावित किया है, बल्कि स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी चिंताएं भी बढ़ा दी हैं. नाराज ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया और तत्काल समाधान की मांग की.

ग्रामीणों का आक्रोश और शिकायतें
गांव के पूर्व प्रधान सुभाष राजपूत ने बताया कि विद्युत विभाग ने पहले बिजली बिल जमा न होने का बहाना बनाया. इसके जवाब में उन्होंने विभाग के फेसबुक पेज पर बिल की रसीदें अपलोड कीं, लेकिन इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. विभाग के अधिकारी केवल आश्वासन दे रहे हैं, जबकि ठोस कदम नहीं उठाए जा रहे. ग्रामीणों ने अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता से कई बार शिकायत की, लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया. इस उदासीनता से ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है.

बिजली कटौती का जीवन पर प्रभाव
लंबे समय से बिजली न होने के कारण गांव में कई समस्याएं उत्पन्न हो गई हैं. भीषण गर्मी में बच्चे और गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा प्रभावित हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां बढ़ रही हैं. रात के समय अंधेरा छा जाने से सुरक्षा की चिंता भी ग्रामीणों को सता रही है. बिजली की कमी के कारण पानी की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है, जिससे खेती और दैनिक जरूरतों पर बुरा असर पड़ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग की लापरवाही उनके जीवन को और कठिन बना रही है.

प्रदर्शन और प्रशासन से मांग
नाराज ग्रामीणों ने ट्रांसफॉर्मर के पास एकत्र होकर विद्युत विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने खराब ट्रांसफॉर्मर को तुरंत बदलने और बिजली आपूर्ति बहाल करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी और सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. उनका कहना है कि बार-बार शिकायत करने के बावजूद कोई समाधान नहीं निकला, जिसने उनके धैर्य की परीक्षा ले ली है. ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे.

स्थायी समाधान की जरूरत
गोसलपुर गहियर गांव की यह समस्या बिजली विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है. ट्रांसफॉर्मर की मरम्मत या प्रतिस्थापन में देरी ने ग्रामीणों के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है. यह घटना इस बात को रेखांकित करती है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति की समस्याओं को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. ग्रामीण अब उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन उनकी मांगों पर ध्यान देगा और बिजली आपूर्ति को स्थायी रूप से बहाल करेगा.

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