अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले देशभर में राममय माहौल हो चुका है। इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में सुंदरकांड के आयोजन को लेकर बड़ा एलान किया है। आप के अनुसार पार्टी दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर हर माह के पहले मंगलवार को सुंदरकांड का आयोजन करेगी। इसे कल मंगलवार से शुरू किया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन से पहले देशभर में राममय माहौल हो चुका है। इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) ने दिल्ली में सुंदरकांड के आयोजन को लेकर बड़ा एलान किया है। आप के अनुसार, पार्टी दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र के स्तर पर हर माह के पहले मंगलवार को सुंदरकांड का आयोजन करेगी।
ताजा जानकारी के मुताबिक, इसे कल मंगलवार से शुरू किया जाएगा। विधानसभा स्तर के बाद निगम वार्ड स्तर पर और उसके बाद मंडल स्तर पर इसका आयोजन किया जाएगा।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि वे भगवान राम के भक्त हैं। विधानसभा में केजरीवाल ने कहा कि वे हनुमान के भक्त हैं और हनुमान रामचंद्र जी के… तो इस नाते वे रामचंद्र जी के भी भक्त हुए। इसीलिए वे भी रामचन्द्र जी के अनुयायी बन गये। केजरीवाल ने कहा कि सरकार पिछले छह साल से दिल्ली में ‘राम राज्य’ लाने की कोशिश कर रही है। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने घोषणा की है कि सरकार अयोध्या में भव्य मंदिर के निर्माण के बाद दिल्ली के वरिष्ठ नागरिकों को मुफ्त अयोध्या दर्शन देगी।
आम आदमी पार्टी के प्रवक्ता और ग्रेटर कैलाश निवासी विधायक सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को कहा कि वह औपचारिक रूप से राम जन्मभूमि ट्रस्ट से अयोध्या में एक बड़ी बजरंगबली प्रतिमा बनाने का अनुरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि हनुमान जी भगवान राम के कट्टर भक्त थे और जहां भी श्री राम रहते थे वहां हनुमान जी की उपस्थिति अनिवार्य थी।
आप के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ”हनुमानजी भगवान राम के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। जहां देखो राम मंदिर, वहां हनुमान भी हैं. क्योंकि हर राम मंदिर में एक राम दरबार होता है जिसमें राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान विराजमान होते हैं।
दिल्ली चुनाव में हनुमानजी का मुद्दा उठाया गया.
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब सौरभ भारद्वाज ने भगवान हनुमान के विषय पर बात की हो. आम चुनाव के दौरान हनुमानजी को लेकर तीखी बहस हुई थी. भारतीय जनता पार्टी और आम आदमी पार्टी ने अपने-अपने तरीके से इस मुद्दे को लोगों के बीच उठाया है. दिल्ली चुनाव खत्म होने और नतीजे घोषित होने के बाद भी राजनीतिक गलियारों में अभी भी भगवान हनुमान का नाम लिया जा रहा है.