कोलकाता पुलिस ने बीजेपी के 11 विधायकों पर जाहिर तौर पर राष्ट्रगान का तिरस्कार, करने के दोषारोपण में FIR दर्ज की है. पुलिस ने पश्चिम बंगाल विधानसभा के एक अधिकारी द्वारा दायर आलोचना के आधार पर ये मामला दर्ज किया है
दरअसल, पश्चिम बंगाल विधानसभा में बुधवार शाम को टीएमसी और बीजेपी विधायक एक दूसरे के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. दोनों ओर से नारे लगाए जा रहे थे. तभी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी के विधायकों से राष्ट्रगान गाने के लिए कहा. बीजेपी विधायकों पर आरोप है कि जब मुख्यमंत्री समेत सत्ता पक्ष के विधायक राष्ट्रगान गा रहे थे तो वे खड़े नहीं हुए.
इसके बाद विधानसभा के एक अधिकारी की शिकायत पर गुरुवार को पुलिस ने सुदीप कुमार मुखर्जी, मालती रेवा रॉय, चंदना बारुई, नीलाद्रि शेखर दाना, मिहिर गोस्वामी, मनोज कुमार उरांव, सुमन कांजीलाल, दीपक बर्मन, हिरण्मय चट्टोपाध्याय, मनोज तिग्गा और शंकर घोष पर FIR दर्ज की गई.
इसके बाद शुक्रवार को इनमें से 5 विधायकों नीलाद्रि शेखर दाना, दीपक बर्मन, मनोज तिग्गा, शंकर घोष और सुदीप कुमार मुखर्जी के खिलाफ दूसरी FIR दर्ज की गई है. इसमें भी कथित तौर पर राष्ट्रगान का तिरस्कार करने का आरोप लगा है.
दोषारोपण में सुवेंदु अधिकारी का भी नाम
पश्चिम बंगाल विधानसभा के सचिव ने अपनी दोषारोपण में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के नाम का भी जिक्र किया है. लेकिन कोलकाता हाई कोर्ट से उन्हें इस वक्त राहत मिली है. कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बंगाल पुलिस को उनके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने के लिए कोलकाता हाई कोर्ट से पूर्व अनुमति लेनी होगी. इसलिए पुलिस ने अभी उनके खिलाफ FIR दर्ज नहीं की है. माना जा रहा है कि जल्द पुलिस कोर्ट से सहमति मांग सकती है. अगर कोर्ट से सहमति मिल गई, तो उनका नाम भी FIR में
जोड़ा जाएगा.
उधर, बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा, “यह बहुत अजीब है कि हमारे विधायकों के खिलाफ FIR दर्ज की जा रही है क्योंकि हम बंगाल के लोगों की ओर से विरोध कर रहे थे जो ममता सरकार से हताहत हैं.