बोइंग, विश्व की सबसे प्रतिष्ठित विमानन कंपनियों में से एक, अपने नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता के लिए जानी जाती है। हालांकि, अहमदाबाद में 13 जून 2025 को हुए एअर इंडिया के विमान हादसे ने बोइंग को एक बार फिर सुर्खियों में ला दिया। इस हादसे में बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर शामिल था, जिसने कंपनी की सुरक्षा और विश्वसनीयता पर सवाल खड़े किए हैं। आइए, बोइंग के इतिहास और इस त्रासदी से इसके जुड़ाव को समझें।
बोइंग का उद्भव और विकास
बोइंग की स्थापना 1916 में विलियम ई. बोइंग ने सिएटल, अमेरिका में की थी। शुरुआत में कंपनी लकड़ी के छोटे विमानों का निर्माण करती थी, जो प्रथम विश्व युद्ध में सैन्य उपयोग के लिए थे। 1950 के दशक में बोइंग 707 ने वाणिज्यिक जेट युग की शुरुआत की, जिसने लंबी दूरी की उड़ानों को सुलभ बनाया। इसके बाद बोइंग 737, 747, 777 और 787 जैसे मॉडलों ने कंपनी को वैश्विक बाजार में अग्रणी बनाया। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर, जिसकी पहली उड़ान 2009 में हुई, अपनी ईंधन दक्षता और कार्बन फाइबर से बने हल्के ढांचे के लिए प्रसिद्ध है। यह विमान अब तक 2,500 से अधिक ऑर्डर प्राप्त कर चुका है और एक अरब से ज्यादा यात्रियों को ले जा चुका है। हालांकि, बोइंग का सफर चुनौतियों से भी भरा रहा। 2018 और 2019 में बोइंग 737 मैक्स के दो हादसों में 346 लोगों की मौत ने कंपनी की साख को ठेस पहुंचाई। इन हादसों में सॉफ्टवेयर खामियों और अपर्याप्त प्रशिक्षण को जिम्मेदार ठहराया गया, जिसके चलते बोइंग को 2.5 अरब डॉलर का जुर्माना देना पड़ा। ड्रीमलाइनर की बैटरी समस्याओं ने भी इसकी विश्वसनीयता पर सवाल उठाए।
अहमदाबाद हादसा और बोइंग की भूमिका
13 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन जा रही एअर इंडिया की उड़ान AI-171, एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर (VT-ANP), टेकऑफ के कुछ मिनट बाद मेघाणीनगर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई। इस हादसे में 242 में से 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौत हो गई, जिसने इसे भारत के सबसे घातक हादसों में से एक बना दिया। विमान 2013 मॉडल का था और जनवरी 2014 में एअर इंडिया को डिलीवर किया गया था।
प्रारंभिक जांच में तकनीकी खराबी की आशंका जताई जा रही है, क्योंकि विमान अचानक ऊंचाई खोकर नीचे गिर गया। सोशल मीडिया पर कुछ अनपुष्ट दावों में ड्रीमलाइनर की बैटरी विफलता या दोनों इंजनों के एक साथ बंद होने की बात कही गई, लेकिन ये दावे अभी सत्यापित नहीं हैं। बोइंग ने बयान जारी कर एअर इंडिया और जांच एजेंसियों को पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। बोइंग के सीईओ केली ऑर्टबर्ग ने पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त की और जांच में सहयोग की बात कही।
बोइंग पर प्रभाव
यह हादसा बोइंग के लिए एक और चुनौती है, जो पहले से ही 737 मैक्स हादसों के बाद विश्वास बहाली की कोशिशों में जुटा है। हादसे के बाद बोइंग के शेयरों में 5% की गिरावट आई, और विशेषज्ञों का मानना है कि यह कंपनी के नए ऑर्डरों को प्रभावित कर सकता है। बोइंग ने पेरिस एयरशो से नाम वापस ले लिया ताकि जांच और पीड़ितों के समर्थन पर ध्यान दे सके। अहमदाबाद हादसे की जांच के नतीजे यह तय करेंगे कि क्या यह तकनीकी खामी थी या अन्य कारकों का परिणाम।