ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सभी महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक गरुड़ पुराण अहम स्थान रखता है। इस ग्रंथ में भगवान विष्णु और उनके भक्तों को बीच वार्तालाप के वर्णन किया गया है।
कहा जाता है कि गरुड़ पुराण में मृत्यु से पहले और बाद की सारी बातें विस्तार से बताई गई हैं। गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति जन्म लेता है उसका मृत्यु निश्चित होता है। कहा जाए तो मृत्यु एक अटल सत्य है। इसे कोई नहीं झुठला सकता है। तो आज इस खबर में जानते हैं मृत्यु से संबंधित कुछ ऐसी बातें जो सबके लिए जरूरी है।
शरीर के होते हैं नौ द्वार (There are nine doors of the body)
गरुड़ पुराण के अनुसार, किसी भी मनुष्य के शरीर में नौ द्वार होते हैं, वो नौ द्वार कुछ इस प्रकार हैं- दोनों आंख, दोनों कान, मुख, नाक और उत्सर्जन अंग। गरुड़ पुराण के अनुसार, यदि किसी भी व्यक्ति की मृत्यु होती है, तो शरीर के इन्हीं नौ द्वार से प्राण निकलता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति के शरीर से प्राण अलग-अलग स्थितियों से निकलता है।
प्राण उत्सर्जन के लिए ये अंग माने गए हैं शुभ (There are nine doors of the body)
गरुड़ पुराण के अनुसार, व्यक्ति अपने कर्तव्य और निष्ठा से जब आगे बढ़ता है। मान्यता है कि जो व्यक्ति अपने कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाता है, या भक्ति में लीन रहता है, ऐसे जातक का प्राण नाक से निकलता है। नाक से प्राण का निकलना बेहद ही शुभ है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति हर समय धर्म के मार्ग पर चलता है, उसका प्राण मुख से निकलता है। मुख से प्राण निकलना भी शुभ है।
गरुड़ पुराण के अनुसार, जो व्यक्ति जीने की अधिक इच्छा रखता है साथ ही परिवार से बहुत ज्यादा प्यार रखता है, तो वैसे व्यक्ति का प्राण आंख से निकलता है। वहीं जो व्यक्ति अपना पूरा जीवन धन-दौलत कमाने में लगा देता है, उसका प्राण मल द्वार से निकलता है। जो कि अशुभ है।