भारत-पाक तनाव से शेयर बाजार में हड़कंप: India VIX में 5% उछाल, निवेशकों की बढ़ी चिंता

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने भारतीय शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया है। गुरुवार को जहां बाजार में भारी गिरावट देखी गई, वहीं शुक्रवार को भी यह रुख जारी रहा। बाजार की अस्थिरता का सूचक India VIX (वॉलेटिलिटी इंडेक्स) शुक्रवार को 5% उछाल के साथ और ऊपर चढ़ गया, जिसने निवेशकों के बीच अनिश्चितता और डर को और गहरा कर दिया। भारत-पाक सीमा पर चल रही तनातनी और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद बाजार में यह उथल-पुथल देखने को मिल रही है।

बाजार में क्यों मचा है कोहराम?

भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का यह दौर अप्रैल 2022 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से शुरू हुआ, जिसमें 26 लोगों की जान चली गई थी। भारत ने इस हमले का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत दिया, जिसमें भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 24 आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इस कार्रवाई के बाद पाकिस्तान ने जवाबी हमले की कोशिश की, जिसमें जम्मू, पठानकोट, और उधमपुर जैसे क्षेत्रों में ड्रोन और मिसाइल हमले किए गए, लेकिन भारतीय सेना ने इन्हें नाकाम कर दिया।

इस बढ़ते तनाव का असर अब वित्तीय बाजारों पर साफ दिखाई दे रहा है। गुरुवार को सेंसेक्स 412 अंक गिरकर 80,334 पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 141 अंक लुढ़ककर 24,274 पर आ गया। शुक्रवार को भी बाजार में शुरुआती कारोबार में गिरावट का रुख बना रहा। India VIX, जो बाजार की अस्थिरता को मापता है, पिछले पांच दिनों में 20% से अधिक बढ़ चुका है और अब 21.01 के स्तर को पार कर गया है। यह निवेशकों के बीच बढ़ते डर और अनिश्चितता का स्पष्ट संकेत है।

निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है India VIX का उछाल?

India VIX को ‘डर का सूचक’ (Fear Index) भी कहा जाता है। यह निफ्टी 50 इंडेक्स के ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट्स के आधार पर अगले 30 दिनों में बाजार में अपेक्षित अस्थिरता को दर्शाता है। VIX में 5% की ताजा उछाल और पिछले कुछ दिनों में 20% की बढ़ोतरी से साफ है कि निवेशक भविष्य को लेकर चिंतित हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारत-पाक तनाव और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं, जैसे अमेरिका में व्यापार नीतियों में बदलाव, ने इस अस्थिरता को और बढ़ाया है।

बाजार विश्लेषक अभिषेक कुमार ने कहा, “भारत-पाक तनाव और अमेरिकी व्यापार नीतियों से जुड़ी अनिश्चितताएं बाजार की दिशा तय कर रही हैं। निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि यह अस्थिरता अभी कुछ समय तक बनी रह सकती है।”

कौन रहा पीछे, कौन आगे?

बाजार में गिरावट का असर लगभग सभी सेक्टर्स पर पड़ा है। निफ्टी मेटल इंडेक्स में 2.09% की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी रियल्टी, ऑटो, फार्मा, और PSU बैंक इंडेक्स भी 1-2% नीचे बंद हुए। दूसरी ओर, निफ्टी IT और निफ्टी मीडिया ने मामूली बढ़त हासिल की। शेयरों में श्रीराम फाइनेंस, इटर्नल, महिंद्रा एंड महिंद्रा, और अदानी एंटरप्राइजेज जैसे बड़े नामों में भारी गिरावट देखी गई, जबकि HCL टेक्नोलॉजीज, कोटक महिंद्रा बैंक, और टाइटन कंपनी जैसे शेयरों ने बढ़त बनाए रखी।

पाकिस्तान के बाजार में भी हाहाकार

भारत-पाक तनाव का असर सिर्फ भारतीय बाजार तक सीमित नहीं है। पाकिस्तान का KSE-100 इंडेक्स गुरुवार को 7,000 अंक टूट गया, जिसके चलते वहां का बाजार लोअर सर्किट तक पहुंच गया। पहलगाम हमले के बाद से पाकिस्तानी बाजार में भारी बिकवाली देखी जा रही है, जिसने निवेशकों को करीब 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया है।

वैश्विक प्रतिक्रिया और बाजार पर असर

भारत-पाक तनाव को लेकर वैश्विक स्तर पर भी चिंता बढ़ रही है। अमेरिकी विदेश मंत्री ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से आतंकवादी समूहों को समर्थन बंद करने के लिए ठोस कदम उठाने को कहा है। वहीं, पूर्व अमेरिकी राजदूत निकी हेली ने भारत के जवाबी हमले का समर्थन करते हुए कहा, “भारत को अपने नागरिकों की रक्षा के लिए जवाब देने का पूरा अधिकार है।” इन बयानों ने तनाव को और हवा दी है, जिसका असर बाजारों पर भी पड़ रहा है।

निवेशकों के लिए सलाह

बाजार विशेषज्ञों का कहना है कि इस अस्थिरता के दौर में निवेशकों को सावधानी बरतनी चाहिए। कुछ सुझाव इस प्रकार हैं:


लंबी अवधि की रणनीति: अस्थिरता के इस दौर में लंबी अवधि के निवेश पर ध्यान दें और घबराहट में बिकवाली से बचें।

विविधीकरण: अपने पोर्टफोलियो में IT और डिफेंस जैसे मजबूत सेक्टर्स को शामिल करें, जो इस समय बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।

नकदी बनाए रखें: बाजार में और गिरावट की स्थिति में अच्छे शेयरों को कम कीमत पर खरीदने के लिए नकदी तैयार रखें।

समाचार पर नजर: भारत-पाक तनाव से जुड़ी खबरों पर नजर रखें, क्योंकि ये बाजार की दिशा तय करेंगी।

भविष्य की संभावनाएं

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि अगर भारत-पाक तनाव कम होता है, तो बाजार में स्थिरता लौट सकती है। हालांकि, अगर यह तनाव और बढ़ता है, तो निफ्टी 50 इंडेक्स 10% तक गिरकर 21,846 के स्तर तक जा सकता है, जिसके चलते बाजार में लोअर सर्किट लगने की स्थिति बन सकती है।

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