जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन के दौरान खड़गे ने केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि वे जितना हम पर अत्याचार करना चाहेंगे, हम उतना ही विरोध करेंगे.
दिल्ली के जंतर मंतर पर विपक्षी पार्टियों का विरोध प्रदर्शन जारी है। कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रदर्शन के बीच मीडिया से बातचीत करते हुए सांसदों के निलंबन पर केंद्र सरकार को निशाने पर लिया और गुरुवार को जम्मू कश्मीर के इलाके में सेना के वाहनों पर हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा भी की है।
प्रदर्शन के बीच खरगे का केंद्र सरकार पर निशाना
जंतर मंतर पर प्रदर्शन के बीच खरगे ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते कहा, ‘जितना आप हमें कुचलना चाहेंगे, हम उतना ऊपर बढ़ेंगे। हम देश को बचाने के लिए एकजुट होकर लड़ेंगे।’ उन्होंने आगे कहा, ‘संविधान के उच्च पद पर बैठने वाले लोग कहते हैं कि मेरी जाति के कारण मेरा अपमान किया जा रहा है। अगर आपकी हालत यही है तो मेरे जैसे दलित की हालत क्या होगी?
कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ने आगे कहा, ‘हमारे संविधान के तहत सभी को बोलने का अधिकार है। जब हम सांसद में नोटिस देते हैं तब हमें नोटिस पढ़ने का भी मौका नहीं दिया जाता है। तब मैंने बोला कि भाजपा एक दलित नेता को बोलने नहीं देती है? आप हमसे हमारे बोलने के अधिकार को छीन नहीं सकते। यह आजादी हमें जवाहर लाल नेहरू और महात्मा गांधी से मिली है। आप विपक्षी सांसदों को निलंबित कर देते हैं और निर्विरोध कानून पारित करते हैं। हमें मिलकर लड़ना होगा।’
खरगे ने की जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की निंदा
मल्लिकार्जुन खरगे ने गुरुवार को जम्मू कश्मीर के पीर पंजाल इलाके में हुए आतंकी हमले पर शोक जताते हुए कहा कि भारत आतंकबाद के संकट के खिलाफ एकजुट है। इस हादसे पर कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष खरगे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा, ‘हम राजौरी और पीर पंजाल में हो रहे जघन्य हमलों की कड़ी निंदा करते हैं। सेना के जवानों ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। इस दुख के मौके पर हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं जवानों के परिजनों के साथ है। हम घायल हुए जवानों के जल्द से जल्द ठीक होने की कामना करते हैं।’
बता दें कि गुरुवार को हथियारों से लैस आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर लगातार हमले किए, जिसमें पांच जवानों की जान चली गई। वहीं इस हादसे में दो अन्य घायल भी हुए। आतंकियों ने ग्रेनेड दागे, फिर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। दो जवानों के शव क्षत-विक्षत भी कर दिए गए। कुछ जवानों के हथियार भी ले भागने की आशंका है। पाकिस्तान समर्थित पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) ने हमले की जिम्मेदारी ली है।