आगरा की हवा में भी जहर घुल रहा है। इस सीजन में पहली बार संजय प्लेस के आसपास हवा की गुणवत्ता तय करने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स 303 पर पहुंच गया है। दिल्ली की तरह पूरे दिन स्मॉग की चादर छाई रही। इससे बुजुर्ग, अस्थमा रोगियों, सांस के रोगियों को परेशानी का सामना करना पड़ा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक बृहस्पतिवार को आगरा का एक्यूआई 156 रहा, लेकिन आगरा के 6 मॉनिटरिंग सेंटरों में से संजय प्लेस में सबसे ज्यादा प्रदूषण रिकॉर्ड किया गया। संजय प्लेस में एक्यूआई 303 पर पहुंच गया। यहां सूक्ष्म कण पीएम-2.5 कणों की संख्या 389 माइक्रोग्राम तक पहुंच गई। संजय प्लेस में लगातार दूसरे दिन एक्यूआई 303 दर्ज किया गया है। व्यावसायिक केंद्र होने के साथ यहां वाहनों से निकलने वाला प्रदूषण ज्यादा है।
303 तक पहुंचे एक्यूआई के कारण सांस रोगियों की संख्या दो दिनों में बढ़ी है। धूल-धुआं नलिकाओं का संक्रमित कर रहा है। इससे खांसी, खराश, सीने में जकड़न और सांस फूल रही है। आंखों में जलन और नाक की एलर्जी भी बढ़ गई है। एसएन मेडिकल कॉलेज की मेडिसिन और वक्ष एवं क्षय रोग विभाग में 30 फीसदी से अधिक मरीज बढ़ गए हैं। वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. जीवी सिंह ने बताया कि दिवाली के चलते साफ-सफाई, खरीदारी के लिए वाहनों का उपयोग बढ़ने से धूल-धुआं अधिक हो रहा है। मौसम में नमी के कारण धुंध भी है। इससे नलिकाओं में सूजन आ रही है। सांस लेने में दिक्कत हो रही है।
दमा और सांस रोगियों को तेज खांसी, सीने में भारीपन, सांस भी उखड़ रही है। इसके चलते इमरजेंसी में रोजाना 3-5 गंभीर हाल में भर्ती करने पड़ रहे हैं। एसएन मेडिकल कॉलेज के मेडिसिन विभाग के डॉ. मनीष बंसल ने बताया कि वातावरण में कार्बन तत्व की अधिक मात्रा हो गई है। इससे आंखों में जलन, गले में खराश, नाक में एलर्जी हो रही है। नेत्र रोग विभाग के डॉ. तिरुपति नाथ ने बताया कि धूल-कार्बन के तत्व आंखों में जाने से जलन, खुजली, करकराहट, पानी आना, लाल होने की परेशानी अधिक मिल रही है। लोगों को दवा देने के साथ बचाव के बारे में भी बता रहे हैं।