जस्टिस संजीव खन्ना ने आज राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश (Chief Justice of India) के रूप में शपथ ली। वे मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की जगह लेंगे जो रविवार को सेवानिवृत्त हुए। न्यायमूर्ति खन्ना मुख्य न्यायाधीश के रूप में छह महीने का कार्यकाल पूरा करेंगे। जस्टिस संजीव खन्ना ने आज यानी 11 नवंबर को राष्ट्रपति भवन में भारत के 51वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थिति रहे।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने जनवरी 2019 में अपनी नियुक्ति के बाद से भारत के सर्वोच्च न्यायालय में कई उल्लेखनीय निर्णय लिए हैं। इसमें वीवीपैट सत्यापन, चुनावी बांड योजना, अनुच्छेद 370 को हटाने का केस, अनुच्छेद 142 के तहत तलाक का केस, अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत का केस और आरटीआई निर्णय का मामला शामिल है।
2005 में दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में वह पदोन्नत हुए और 2006 में स्थायी न्यायाधीश बनाए गए। दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश रहते हुए, उन्होंने दिल्ली न्यायिक अकादमी, केंद्र और जिला न्यायालय मध्यस्थता केंद्र, दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय मध्यस्थता के अध्यक्ष/प्रभारी न्यायाधीश का पद भी संभाला।
बतौर सीजेआई लंबित मामलों की संख्या घटाना और न्याय में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता है |बतौर सीजेआई लंबित मामलों की संख्या घटाना और न्याय में तेजी लाना उनकी प्राथमिकता है | जस्टिस खन्ना पांच न्यायधीशो की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने सविधान के अनुछेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के2019 के फैसले को बरकरार रखा|