UP Politics अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर ओर लहराते केसरिया ध्वज समाजवादी पार्टी की धड़कने बढ़ा रहे हैं। कमल दल भी जीत का आशीर्वाद पाने को जमकर रामधुन गुनगुना रहा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान गांव-गांव राम ज्योति प्रज्जवलित होने के बाद अब बूथों तक इस दिव्य काज की गौरव गाथा पहुंचाने की रणनीति पर काम हो रहा है।
सपा का गढ़ कहे जाने वाली मैनपुरी लाेकसभा सीट पर अभी से चुनावी बिसात बिछना शुरू हो गई है। सपा भले ही अब तक अजेय रही हो, लेकिन इस बार चुनावी रणक्षेत्र में विजय पताका फहराना उसके लिए आसान नहीं लग रहा। अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद हर ओर लहराते केसरिया ध्वज उसकी धड़कने बढ़ा रहे हैं।
कमल दल भी जीत का आशीर्वाद पाने को जमकर रामधुन गुनगुना रहा है। प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के दौरान गांव-गांव राम ज्योति प्रज्जवलित होने के बाद अब बूथों तक इस दिव्य काज की गौरव गाथा पहुंचाने की रणनीति पर काम हो रहा है।
PDA फार्मूले को धार दे रही सपा
समाजवादी पार्टी भी इस खतरे को समझ रही है और उसने इसकी काट के लिए अपने पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के फार्मूले को धार देना शुरू कर दिया है। गांव-गांव पीडीए पंचायत कर गढ़ को बचाए रखने के लिए नींव मजबूत की जा रही है।
राजनीति के मानचित्र पर मैनपुरी लोकसभा सीट को सपा के अभेद दुर्ग के तौर पर देखा जाता है। वर्ष 1996 के बाद से इस सीट पर सपा का ही कब्जा है। स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव इस सीट से पांच बार सांसद बने थे। वर्ष 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में जबरदस्त लहर के बावजूद भाजपा इस सीट को जीत नहीं पाई थी। वर्तमान में सपा के राष्ट्रीय अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव सांसद हैं। वह मुलायम सिंह के निधन के बाद वर्ष 2022 के अंत में लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर सांसद बनी थीं। भाजपा अब इस सीट को जीतने के लिए व्यापक रणनीति पर काम कर रही है।
प्राण प्रतिष्ठा के बाद बना माहौल
अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के बाद बना माहौल उसके उत्साह को चरम पर पहुंचा रहा है। प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान भाजपा ने पूरे लोकसभा क्षेत्र के गांव-गांव तक पहुंच बनाई। अब प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी लोगों को दर्शन के लिए अयोध्या जाने को प्रेरित करने की योजना बनाई गई है। हर बूथ से कम से कम ती न प्रमुख मतदाताओं को ले जाने की योजना है। इसके लिए सूची बनाने का काम शुरू कर दिया गया है।
दूसरी तरफ समाजवादी पार्टी भी अपनी इस सबसे मजबूत सीट को किलेबंदी में जुटी है। इसके लिए पहले पीडीए साइकिल यात्रा निकाली गई। अब गांव-गांव पीडीए पंचायत का आयोजन फरवरी माह में कराया जाएगा। इसी बीच कार्यकर्ता सम्मेलन किए जा रहे हैं। खुद सांसद डिंपल यादव चुनावी तैयारी को परख रही हैं। इन सम्मेलनों में शामिल हो नेता-कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर पार्टी का संदेश मतदाताओं तक पहुंचाने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
संगठन मजबूत करने को पसीना बहा रही बसपा
बसपा भी लोकसभा चुनाव के लिए तैयारी में जुटी है। पार्टी द्वारा सेक्टर सम्मेलनों का आयोजन किया जा रहा है। इन सम्मेलनों में 10 बूथों की समितियों को बुलाकर पार्टी की रणनीति समझाई जा रही है। सभी वर्गों को साथ जोड़ने के लिए कहा जा रहा है। इन सम्मेलनों में मंडल स्तरीय पदाधिकारी शामिल हो रहे हैं।