कुछ सावधानियों के साथ इस दिवाली को मनाय और भी खास

दीपावली खुशियों का त्यौहार है लेकिन पटाखों के धुएं से होने वाला प्रदूषण इस खुशी में एक बड़ा खलल डालता है। यह प्रदूषण न सिर्फ पर्यावरण को बल्कि हमारी सेहत को भी कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। जानिए किन बीमारियों से जूझ रहे लोगों को ऐसे में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और पटाखों से त्वचा के जलने पर फौरन क्या उपाय आजमा सकते हैं।

दीवाली का त्यौहार आते ही दिल्ली और आसपास के शहरों में धुएं की एक मोटी चादर छा जाती है। हर साल इस दौरान प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ जाता है कि यह हमारी सेहत के लिए एक गंभीर खतरा पैदा हो जाता है। और इस बार तो अब आगरा भी इसकी चपेट में है आगरा में दिवाली से पहले ही प्रदूषण 300 ए क्यू आई के पार पहुंच गया है पटाखों से निकलने वाला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित करता है बल्कि हमारे स्वास्थ्य को भी कई तरह से पहुंचाता है।
पटाखों का धुआं सिर्फ फेफड़ों तक ही सीमित नहीं रहता; इसके गंभीर परिणाम पूरे शरीर पर होते हैं। इनमें से सबसे खतरनाक खतरा है कैंसर का।धूल के कणों में मौजूद जहरीले तत्व हमारे फेफड़ों को नुकसान पहुंचाते हैं और अस्थमा के मरीजों के लिए सांस लेना मुश्किल बना देते हैं। कैडमियम नामक तत्व खून में ऑक्सीजन की कमी पैदा कर हमें कमजोर बना देता है पटाखों से निकलने वाला धुआं गर्भवती महिलाओं और उनके गर्भ में पल रहे बच्चों के लिए गंभीर खतरा पैदा करता है। धुएं में मौजूद हानिकारक रसायन श्वसन तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।।

पटाखों से चोट लगने पर सबसे पहले करें ये उपाय

अगर पटाखे से हाथ या शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो सबसे पहले जले हुए स्थान को 10-15 मिनट तक बर्फ से सेकें। इससे जलन कम होगी और सूजन नहीं बढ़ेगी। फिर जले हुए स्थान को साफ कपड़े से ढक दें ताकि उसमें कोई गंदगी न जाए। अगर छाले पड़ गए हैं तो उन्हें फोड़ें नहीं, क्योंकि इससे इन्फेक्शन हो सकता है।त्वचा जलने पर एलोवेरा और नारियल का तेल दोनों ही बहुत फायदेमंद होते हैं। एलोवेरा में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो संक्रमण को रोकने और सूजन को कम करने में मदद करते हैं। पौधे से सीधे निकाला गया शुद्ध एलोवेरा जेल सबसे अच्छा होता है। नारियल के तेल में विटामिन ई होता है जो जलने के निशान को कम करने में मदद करता है।

जलन वाले स्थान पर मॉइस्चराइज़िंग लोशन लगाने से त्वचा को नमी मिलती है और वह सूखती नहीं है। हालांकि, किसी भी प्रकार की क्रीम या लोशन का उपयोग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं करना चाहिए। दर्द के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दर्द निवारक दवाएं ही लें। डॉक्टर आपको एंटीसेप्टिक क्रीम भी दे सकते हैं जो संक्रमण को रोकने में मदद करती है।

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