एक लंबे इंतजार के बाद सीएम भजनलाल शर्मा के कैबिनेट का विस्तार होने वाला है। इस मंत्रिमंडल में 20 से अधिक मंत्री शपथ लेने वाले हैं। 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने बतौर मुख्यमंत्री और दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने बतौर उपमुख्यमंत्री शपथ ग्रहण की थी। उसके बाद से ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार का इंतजार किया जा रहा था।
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। राजस्थान में सीएम भजनलाल शर्मा के मंत्रिमंडल का विस्तार होने वाला है। मंत्रिमंडल में पहली बार और दूसरी बार चुने गए विधायकों को शामिल किया जा सकता है। 15 दिसंबर को भजनलाल शर्मा ने बतौर मुख्यमंत्री और दीया कुमारी और प्रेमचंद बैरवा ने बतौर उपमुख्यमंत्री शपथ ली थी।
20 विधायक लेंगे शपथ
इस कैबिनेट विस्तार में 20 से अधिक मंत्री शपथ ले रहे हैं। शपथ ग्रहण समारोह दोपहर में सवा तीन बजे राजभवन में शुरू होगा। इसकी तैयारियां हो गई है औरविधायकों का बीजेपी मुख्यालय पहुंचना शुरू हो गया है.
इन विधायकों को मंत्री बनने के लिए बुलाया गया है
ये नवनिर्वाचित बीजेपी सांसद हैं सिद्धि कुमारी, हीरा लाल नागर, जबर सिंह खर्रा, मदनलाल दिलावर, शैलेश सिंह, जवाहर सिंह बेढम, हेमंत मीना, दीप्ति माहेश्वरी, जोगेश्वर गर्ग, महंत प्रतापपुरी, श्रीचंद कृपलानी, किरोड़ी लाल मीना, गजेंद्र सिंह खींवसर, ओथराम देवासी और कन्हैया लाल चौधरी को मंत्री बनने के लिए आमंत्रित किया गया.
राजस्थान में मंत्रियों के नाम पर तनाव!
राजस्थान में शपथ लेने वाले मंत्रियों के नाम अभी सामने नहीं आए हैं. बीजेपी ने करीब 50 विधायकों को राजभवन में नियुक्त किया है. ये सभी कुछ देर बाद बस या अपनी कार से राजभवन पहुंचेंगे. लेकिन हर कोई शपथ नहीं लेगा. क्योंकि 2,200 संसदीय सीटों वाले राजस्थान में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं। जानकारी के मुताबिक, राजभवन में अब सिर्फ 25 मंत्री पद की कुर्सियां बची हैं. वहां, प्रतिनिधियों को सूचित किया जाएगा कि आज कौन शपथ लेगा।
विधायक चौधरी हरियाणा के नूहं के रहने वाले हैं, जो बीजेपी के टिकट पर राजस्थान की कामां विधानसभा सीट से विधायक चुने गए थे. नौक्षम, हरियाणा के पूर्व बेलीफ मिरांडा कॉलेज में पढ़ाई के दौरान ही इन्होंने राजनीति की ABCD सीखा। नौक्षम ने एक इंटरव्यू में बताया कि उन्हें एक कंपनी में एक करोड़ से ज्यादा का सलाना पैकेज मिला था। हालांकि, उन्होंने नौकरी को नहीं बल्कि राजनीति को अपने करियर के रूप में चुना। नौक्षम पब्लिक रिलेशन और कम्यूनिकेशन एक्सपर्ट हैं और इन्हें आठ से ज्यादा भाषाओं का ज्ञान है।
किरोड़ी लाल मीणा- विधायक, सवाई माधोपुर
पांच बार विधायक, दो बार लोकसभा सांसद, एक बार राज्यसभा सांसद, कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों में रह चुके हैं। इनकी पत्नी गोलमा देवी गहलोत सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। पूर्वी राजस्थान के सबसे कद्दावर नेताओं में इनकी गिनती होती है। एमबीबीएस डॉक्टर हैं, लेकिन करियर राजनीति को चुना।
हरलाल सहारण
चूरू की तारानगर सीट से विधायक, 2.5 करोड़ की संपत्ति है। बीजेपी के दिग्गज नेता राजेंद्र राठौड़़ की जगह इस बार सहारण तारानगर सीट से चुनाव लड़कर जीते। किसान परिवार से आते हैं। चुनावी घोषणा पत्र के मुताबिक, सहारण पर धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करने संबंधि मुकदमे हैं।
अनीता भदेल
अनीता भदेल अजेमर दक्षिण से चौथी बार विधायक बनी हैं। उन्होंने कांग्रेस की द्रौपदी कोली को करीब चार हजार मतों से हराया है। वो वसुंधरा राजे की सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं। उन्हें पिछली वसुंधरा सरकार में बेस्ट विधायक का अवार्ड भी मिल चुका है। अनीता भदेल का परिवार राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ से जुड़ा रहा है। यह भी अनीता भदेल के पक्ष को अधिक मजबूत करता है।
झाबर सिंह खर्रा
सीकर जिले की श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट से चुनाव जीतने वाले बीजेपी विधायक झाबर सिंह खर्रा ने शनिवार सुबह जयपुर में मीडिया से बातचीत करते हुए खुद के मंत्री बनाए जाने का खुलासा करते हुए केंद्रीय नेतृत्व का आभार जताया है। झाबर सिंह खर्रा सीकर जिले की श्रीमाधोपुर विधानसभा सीट से दूसरी बार विधायक बने हैं। उनका जन्म श्रीमाधोपुर के भारणी कस्बे में हुआ था। खर्रा ने स्नातक तक शिक्षा प्राप्त की है।
खर्रा ने विधानसभा का पहला चुनाव 2013 में कांग्रेस के दीपेंद्र सिंह शेखावत को हराकर जीता था। इसके बाद 2018 में कांग्रेस के दिग्गज नेता दीपेंद्र सिंह शेखावत से चुनाव हार गए थे। 2023 में अपनी हार का बदला लेते हुए खर्रा ने शेखावत को 14459 मतों से हरा दिया और विधानसभा पहुंच गए।
विरासत में मिली है राजनीति
झाबर सिंह खर्रा इससे पहले भी 2013 से 2018 तक भी श्रीमाधोपुर से विधायक रहे हैं। ज्ञात रहे झाबर सिंह खर्रा को राजनीति विरासत में मिली है। इनके पिता स्वर्गीय हरलाल सिंह खर्रा 5 बार श्रीमाधोपुर से विधायक रह चुके थे और पूर्ववर्ती राजस्थान सरकार में मंत्री भी रहे थे। झाबर सिंह खर्रा श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के जिला परिषद सदस्य व प्रधान भी रह चुके हैं। झाबर सिंह खर्रा शेखावाटी में भाजपा के दिग्गज नेता होने के साथ ही पूर्व में सीकर भाजपा के जिलाध्यक्ष भी रह चुके हैं।
मदन दिलावर
रामगंजमंडी सीट से मदन दिलावर दूसरी बार विधायक चुने गए हैं। इससे पहले वो चार बार लगातार बारां जिले की अटरू सीट से विधायक रहे। साल 1992, 1995, 1998 और 2003 में वो यहां से विधायक चुने गए थे। साल 2008 में उन्हें हार मिली थी। इसके बाद 2013 में पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया था। साथ ही 2018 में रामगंजमंडी से मौका दिया था, जहां वो चुनाव जीतकर विधायक बने थे। मदन दिलावर 1998 और 2003 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रहे हैं।