आगरा के एसएन मेडिकल कॉलेज में नवजात शिशुओं के इलाज के लिए एक नई पहल के तहत मदर-चाइल्ड केयर यूनिट तैयार की गई है, जो जुलाई 2025 से शुरू होने की संभावना है। इस यूनिट की खास बात यह है कि इलाज के दौरान बच्चे की मां को भी वार्ड में साथ रहने की सुविधा मिलेगी, जिससे शिशु की देखभाल और भावनात्मक सहयोग बेहतर तरीके से हो सकेगा। यह यूनिट स्त्री रोग विभाग में स्थापित की गई है, जिसमें दो वार्ड होंगे और कुल 30 बेड की व्यवस्था की गई है। प्रत्येक वार्ड में 15-15 बेड होंगे, जहां मां और नवजात शिशु के लिए एक साथ बेड की सुविधा दी गई है।
यूनिट में गंभीर रूप से बीमार बच्चों को नहीं रखा जाएगा, बल्कि सामान्य या कम गंभीर स्थिति वाले शिशुओं का इलाज किया जाएगा। यहां वार्मर, ऑक्सीजन सपोर्ट, फोटोथेरेपी जैसी सभी जरूरी आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। प्राचार्य डॉ. प्रशांत गुप्ता के अनुसार, पहले सामान्य दिक्कतों में भी नवजातों को एनआईसीयू या पीआईसीयू में भर्ती करना पड़ता था, जहां अधिक भीड़ और सीमित बेड की समस्या रहती थी।
इस नई यूनिट से अब ऐसे मामलों को अलग से संभाला जा सकेगा। स्त्री रोग विभाग की डॉ. रिचा सिंह का कहना है कि मां की मौजूदगी से बच्चे की देखभाल और रिकवरी दोनों में सुधार होगा, क्योंकि मां ही बच्चे की सबसे अच्छी देखभाल करने वाली होती है। यह यूनिट मेडिकल सुविधाओं को ज्यादा मानवीय बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है।