मथुरा। मथुरा में कृपालु महाराज की बड़ी बेटी डॉ. विशाखा का गुरुवार सुबह करीब 10:30 बजे यमुना तट पर अंतिम संस्कार किया गया। इससे पहले जगद्गुरु कृपालु परिषद की चेयरपर्सन डॉ. विशाखा त्रिपाठी का पार्थिव शरीर को जगद्गुरु धाम प्रेम भवन के हॉल में रखा गया। उनके बड़े भाई घनश्याम के बेटे रामानुज ने उन्हें मुखाग्नि दी। इससे पहले उनकी अंतिम यात्रा वृंदावन के प्रेम मंदिर से सुबह 6.30 बजे शुरू होकर केशीघाट के लिए निकाली गई। अंतिम यात्रा में अमेरिका, आस्ट्रेलिया समेत 12 देशों के अनुयायी पहुंचे। प्रेम मंदिर के बाहर भजन-कीर्तन किया गया। जब अंतिम यात्रा शुरू हुई तो अनुयायी भावुक हो गए। यात्रा पर जगह-जगह पुष्प वर्षा की गई। यात्रा में करीब एक लाख से ज्यादा अनुयायी शामिल हुए। यात्रा करीब 6 किमी तक निकली जिसमे पैर रखने तक की जगह नहीं थी। यात्रा में सभी अनुयायी एक रंग की ड्रेस भगवा पहने हुए थे। दरअसल, कृपालु जी महाराज सभी को पीताम्बर धारण करने के लिए कहते थे इसलिए सभी भक्त एक ही ड्रेस में पहुंचे थे। डॉ. विशाखा त्रिपाठी के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन को बुधवार को गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज, उच्च न्यायालय के न्यायाधीश आरबी शर्मा और पूर्व सांसद सीमा उपाध्याय पहुंचीं। यहां दर्शन के बाद सभी ने विशाखा को श्रद्धांजलि अर्पित की। तो करीब 150 पुलिस के जवान अंतिम यात्रा की सुरक्षा में मुस्तैद रहे।
