मोहन यादव होंगे अब मध्यप्रदेश के नये मुख्यमंत्री, BJP बैठक में हुआ फैसला,

मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लग गई है। उज्जैन दक्षिण से बीजेपी विधायक मोहन यादव मध्य प्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे।

बीजेपी विधायक दल की बैठक में सोमवार को इसका ऐलान किया गया। वर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान की छुट्टी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ की तर्ज पर एमपी में भी दो डिप्टी सीएम बनाए जाएंगे। बताया जा रहा है कि नरेंद्र सिंह तोमर स्पीकर होंगे। जबकि जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला डिप्टी सीएम बनाएंगे जाएंगे|


गोविंद राजपूत ने कहा, मोहन जी बहुत सुलझे हुए व्यक्ति हैं वे मध्यप्रदेश को आगे ले जाएंगे। राजपूत ने कहा, जमीन से जुड़े व्यक्ति को मुख्यमंत्री का दायत्व दिया गया है। ओबीसी वर्ग से आते हैं, हमारे मित्र हैं, मैं उन्हें बधाई देता हूं। हरदीप सिंह दंग ने कहा कि ये भाजपा है जो एक छोटे से कार्यकर्ता को सीएम बना देती है। मैं उन्हें बधाई देता हूं।
उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक हैं मोहन यादव

उम्र – 58 वर्ष

शैक्षणिक योग्यता- बी.एस.सी. एल-एल.बी., एम.ए. (राजनीति विज्ञान), एम.बी.ए. और पी.एच.डी.

राजनीतिक करियर– 1982 में माधव विज्ञान महाविद्यालय छात्र संघ के सह-सचिव, 1984 में अध्यक्ष

2013 में विधायक बने

2018 में दूसरी बार चुनाव जीतकर उच्च शिक्षा मंत्री बने

जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ला हों सकते हैं नए उपमुख्यमंत्री। नरेंद्र सिंह तोमर होंगे विधानसभा अध्यक्ष। उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से 95699 मत पाकर अपने नजदीकी प्रतिद्वंदी कांग्रेस प्रत्याशी चेतन प्रेमनारायण यादव से 12941 मतों से विजयी हुए हैं, एमपी के नए सीएम मोहन यादव।


उज्जैन के मास्टर प्लान को लेकर कांग्रेस ने गंभीर आरोप लगाए थे। कहा था कि मोहन यादव ने अपने परिवार को लाभ पहुंचाने के लिए मास्टर प्लान को गलत तरीके से पास कराया है। यादव ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। लोगों ने भी इनआरोपों को गंभीरता से नहीं लिया और मोहन यादव को ही दोबारा विधायक बनाकर भोपाल भेजा है। माता सीता को लेकर एक विवादित बयान भी चर्चा में रहा है। उन्होंने कहा था कि मर्यादा के कारण भगवा राम को सीता को छोड़ना पड़ा था। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामनना करती रहीं। आज के दौर में ये जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।


माधव विज्ञान महाविद्यालय से पढ़ाई की। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद उज्जैन के नगर मंत्री रहे हैं। 1982 में छात्र संघ के सह-सचिव चुने गए थे। भाजपा की राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सिंहस्थ मध्य प्रदेश की केंद्रीय समिति के सदस्य रहे हैं। मध्य प्रदेश विकास प्राधिकरण केप्रमुख, पश्चिम रेलवे बोर्ड में सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे हैं। 2013 और 2018 के बाद 2023 में भी उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट पर चुनाव जीते हैं।


मध्यप्रदेश के उज्जैन दक्षिण विधानसभा से लगातार तीसरी बार के विधायक मोहन यादव को मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री चुना गया है। यह चौंकाने वाला नाम है। इसकी संभावना भी किसी को नहीं थी। मोहन यादव ने दो जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री (उच्च शिक्षा) के तौर पर शपथ ली थी। विवादित बयानों से नाता रहा है। 2020 के उपचुनावों में में असंयमित भाषा का उपयोग करने पर एक दिन के लिए प्रचार करने पर प्रतिबंध तक लगा दिया था।

भारतीय जनता पार्टी विधायक दल की बैठक से पहले पार्टी के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पार्टी के पर्यवेक्षक हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर, पिछड़ा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. के लक्ष्मण, पार्टी की राष्ट्रीय सचिव आशा लाकड़ा, प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद जी ने पं. दीनदयाल उपाध्याय और डॉ. श्यामप्रसाद मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।

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