आगरा के सहदेव नगर निवासी ITBP जवान दिनेश कुमार के लिए यह बीते दो महीने किसी जंग से कम नहीं थे। जब 12 अप्रैल को उनके घर से लाखों के आभूषण और नकदी चोरी हो गई और शुरुआती जांच में केवल खानापूर्ति नजर आई, तो उन्होंने हार मानने से इनकार कर दिया। शादी में शामिल होने के लिए गांव गए परिवार की गैरमौजूदगी में चोरों ने ताले तोड़कर घर से करीब 14 तोले सोना, 750 ग्राम चांदी और 35 हजार रुपये की नकदी पार कर दी थी।
पुलिस ने शुरुआती तौर पर दो आरोपियों को पकड़कर सिर्फ 20 हजार रुपये की बरामदगी दिखाकर केस को बंद मान लिया, जिससे जवान दिनेश निराश हो गए। सिस्टम की सुस्ती से परेशान होकर उन्होंने कलेक्ट्रेट पर धरना शुरू किया और लगातार अधिकारियों के चक्कर काटे। आखिरकार, उनकी आवाज सुनी गई और केस की जांच को जगदीशपुरा थाने से हटाकर हरीपर्वत थाने को सौंप दिया गया।
अब इस मेहनत का नतीजा सामने आया है। पुलिस ने तीसरे आरोपी भूपेंद्र को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे 6.30 लाख रुपये, कुछ सोना और मोबाइल बरामद हुए हैं। भूपेंद्र पर पहले से ही 21 मुकदमे दर्ज हैं। इससे पहले दो और आरोपियों—विकास और जीतू—को भी जेल भेजा जा चुका है।
हालांकि चोरी गए सामान का एक बड़ा हिस्सा अभी बरामद नहीं हुआ है। पीड़ित दिनेश बताते हैं कि अभी तक जो भी बरामद हुआ है, वह चोरी गए कुल मूल्य का करीब 30% ही है। बावजूद इसके, अब उन्हें भरोसा है कि पुलिस बाक़ी सामान भी जल्द खोज निकालेगी।
ITBP जवान का यह मामला न सिर्फ उनकी हिम्मत और दृढ़ता का प्रतीक है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि एक जागरूक नागरिक जब सिस्टम से सवाल करता है, तो बदलाव संभव है।