रेलवे टिकटिंग में नया बदलाव. 1 जुलाई से लागू होगी डिजिटल पीआरएस प्रणाली

यात्रियों को मिलेगी तेज और पारदर्शी सुविधा

भारतीय रेलवे ने यात्रियों को बेहतर और आधुनिक टिकटिंग अनुभव देने के लिए यात्री आरक्षण प्रणाली (पीआरएस) में महत्वपूर्ण बदलाव किया है. नई नेक्स्ट जनरेशन पीआरएस प्रणाली और ग्राफिकल यूजर इंटरफेस (जीयूआई) को लागू किया गया है जो 1 जुलाई 2025 से प्रभावी होगा. इस प्रणाली का उद्देश्य टिकट बुकिंग को तेज, पारदर्शी और उपयोगकर्ता के लिए सुगम बनाना है. आगरा मंडल के आगरा कैंट और मथुरा जंक्शन स्टेशनों पर इस नई तकनीक का ट्रायल शुरू हो चुका है.

आगरा मंडल में 112 ग्राफिकल यूजर इंटरफेस आधारित थिनक्लाइंट मशीनें लगाई गई हैं. इनमें 91 अनारक्षित टिकट प्रणाली (यूटीएस) और 21 पीआरएस आधारित थिनक्लाइंट शामिल हैं. फिलहाल आगरा छावनी और मथुरा जंक्शन के एक-एक काउंटर पर इनका परीक्षण किया जा रहा है. ट्रायल सफल होने के बाद इसे मंडल के सभी पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम काउंटरों पर लागू किया जाएगा. इस नई प्रणाली से न केवल यात्रियों को सुविधा होगी बल्कि रेल कर्मचारियों का समय भी बचेगा.

यात्रियों को क्या लाभ मिलेगा

नई पीआरएस प्रणाली यात्रियों के लिए कई तरह से फायदेमंद होगी. यह प्रणाली टिकट बुकिंग, कैंसलेशन, चार्टिंग और रिफंड की प्रक्रिया को पहले से कहीं अधिक तेज और सटीक बनाएगी. ग्राफिकल यूजर इंटरफेस के जरिए यात्रियों को सीट की उपलब्धता, डायनामिक चार्ट और आसान नेविगेशन की सुविधा मिलेगी. इससे तकनीकी खामियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी. यह प्रणाली उपयोगकर्ता के अनुकूल है जिससे यात्रियों को टिकट बुकिंग में कम समय लगेगा और प्रक्रिया अधिक पारदर्शी होगी.

इसके अलावा नई प्रणाली में डिजिटल टिकटिंग को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है. यात्रियों को आधुनिक और स्मार्ट सेवाएं मिलेंगी जिससे उनका रेल यात्रा का अनुभव बेहतर होगा. आगरा मंडल में इस प्रणाली के लागू होने से व्यस्त स्टेशनों पर टिकट काउंटरों की भीड़ और इंतजार की समस्या कम होने की उम्मीद है. रेलवे का कहना है कि यह बदलाव डिजिटल इंडिया के विजन को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

रेलवे अधिकारियों के अनुसार यह प्रणाली कर्मचारियों की कार्यकुशलता को भी बढ़ाएगी. पुरानी प्रणाली में कई बार तकनीकी समस्याएं आती थीं जिनके कारण टिकट बुकिंग में देरी होती थी. नई प्रणाली इन समस्याओं को कम करेगी और रेलवे की सेवाओं को और विश्वसनीय बनाएगी. आगरा मंडल में इस प्रणाली के सफल ट्रायल के बाद इसे अन्य मंडलों में भी लागू करने की योजना है. रेलवे का लक्ष्य यात्रियों को विश्वस्तरीय सुविधाएं देना और टिकटिंग प्रक्रिया को पूरी तरह डिजिटल और सुगम बनाना है.

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