परियोजना का विवरण
लखीमपुर खीरी के दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में गैंडों के संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए दो नए राइनो रिहैबलिटेशन एरिया (आरआरए) विकसित किए जाएंगे. उत्तर प्रदेश सरकार ने इस परियोजना के लिए 1.5 करोड़ रुपये की धनराशि आवंटित की है. उद्यान के उप निदेशक रंगाराजू ने बताया कि यह राशि गैंडों के प्राकृतिक आवास, जलाशयों, अनुकूल वनस्पतियों और क्षेत्र के रखरखाव के लिए उपयोग की जाएगी. परियोजना का मुख्य उद्देश्य गैंडों की सुरक्षा सुनिश्चित करना और उनके अवैध शिकार तथा व्यापार को रोकना है.
धनराशि का आवंटन
आवंटित धनराशि का ब्योरा इस प्रकार है. गैंडों के प्राकृतिक आवास और क्षेत्र के रखरखाव के लिए 1.27 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं. वन्यजीवों के लिए औषधि और रसायन पर 7 लाख रुपये खर्च होंगे. बड़े निर्माण कार्यों के लिए 4.8 लाख रुपये और छोटे निर्माण कार्यों के लिए 3 लाख रुपये रखे गए हैं. इसके अतिरिक्त, मशीनरी, निगरानी उपकरणों और संयंत्रों के लिए 7 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं. यह धनराशि गैंडों के संरक्षण से जुड़े विभिन्न कार्यों को गति देगी.
संरक्षण के लिए अतिरिक्त प्रयास
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान में पहले भी दो राइनो रिहैबलिटेशन एरिया बनाए गए थे, जो गैंडों के संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. नई परियोजना के तहत प्राकृतिक आवासों को और बेहतर बनाया जाएगा, ताकि गैंडों को सुरक्षित और अनुकूल वातावरण मिल सके. इसके लिए जलाशयों का निर्माण और वनस्पतियों का विकास किया जाएगा. साथ ही, अवैध शिकार को रोकने के लिए जागरूकता अभियान और प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित होंगे. इन प्रयासों से गैंडों की आबादी को बढ़ाने और उनके संरक्षण में मदद मिलेगी.
दुधवा की जैव विविधता और महत्व
दुधवा राष्ट्रीय उद्यान उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्र में स्थित है और अपनी समृद्ध जैव विविधता के लिए जाना जाता है. यह गैंडों, बाघों, हाथियों और अन्य वन्यजीवों का प्रमुख आवास है. गैंडों के संरक्षण के लिए शुरू की गई यह परियोजना न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगी, बल्कि उद्यान की पारिस्थितिकी को भी मजबूत करेगी. स्थानीय समुदायों को जागरूक करने और उनकी भागीदारी बढ़ाने से इस परियोजना को दीर्घकालिक सफलता मिलने की उम्मीद है. सरकार और वन विभाग के इस कदम से वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आएगा.