Punjab News नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। बीते माह रूपनगर (Rupnagar) में 1735 घन मीटर उप खनिज का अवैध रूप से खदान किया गया। इस बाबत एसडीएम शाह ने बताया कि संयुक्त टीम के द्वारा पैमाइश पर पाया गया कि 1735 घन मीटर उप खनिज का अवैध रूप से खुदान करके अवैध परिवहन किया गया।
एएनआई, चंडीगढ़ (TNF TODAY NEWS)। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने पंजाब सरकार को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू समेत अन्य द्वारा रूपनगर में सभी कथित अवैध रेत खनन को रोकने के निर्देश देने की मांग वाली याचिका पर दिया गया है। इस संदर्भ में संबंधित जिला मजिस्ट्रेट और संबंधित अधिकारियों को भी नोटिस जारी किया गया है।
1735 घन मीचर का किया गया अवैध खनन
बीते माह रूपनगर में 1735 घन मीटर उप खनिज का अवैध रूप से खदान किया गया। इस बाबत एसडीएम शाह ने बताया कि संयुक्त टीम के द्वारा पैमाइश पर पाया गया कि 1735 घन मीटर उप खनिज का अवैध रूप से खदान करके अवैध परिवहन किया गया। यह खनन अवैध खनन भंडारण एवं परिवहन का निवारण नियमावली 2021 एवं खान अधिनियम 1957 की धारा 23 सी का उल्लंघन था। टीम ने भू स्वामी/खननकर्ता पर सात लाख रुपये का अर्थ दंड लगाया था।
रोपड़ में भी अवैध खनन
बता दें राम नगर समेत रोपड़ में अवैध खनन के मामले में अदालत ने हमेशा से ही कड़ा रुख अपनाया है। जनवरी में रोपड़ में अवैध खनन के एक मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने बढ़ते खनन मामलों पर कड़ा रुख अपनाते हुए पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई। हाईकोर्ट ने अगली सुनवाई पर पिछले 10 साल में अवैध खनन के दर्ज सभी मामलों का ब्योरा पेश करने का आदेश दिया है। अब रामनगर में एनजीटी ने पंजाब सरकार को नोटिस भेजा है।
जाब कांग्रेस के पू्र्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने राज्य में जारी अवैध खनन के मुद्दे को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) का दरवाजा खटखटाया है। इसका खुलासा सिद्धू ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर किया। याचिका में पंजाब सरकार को प्रतिवादी बनाते हुए सिद्धू ने मांग की है कि अवैध खनन के लिए जिम्मेदार अफसरों की पहचान करके उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
याचिका में उन्होंने पंजाब सरकार पर अवैध खनन रोकने में नाकाम रहने का भी आरोप लगाया और अवैध खनन पर तुरंत रोक लगाने की मांग की. सिद्धू की इस याचिका पर एनजीटी सोमवार को सुनवाई करेगी.
याचिका में सिद्धू ने यह भी कहा है कि पंजाब में बड़े स्तर पर अवैध खनन जारी है और खनन साइटों में बड़ी संख्या में क्रशर और खनन संबंधी मशीनरी इस्तेमाल की जा रही है, जिससे नदी तल खिसकने का खतरा बढ़ गया है। अवैध खनन के कारण ही निकटवर्ती इलाकों में बाढ़ का खतरा भी बढ़ गया है और पर्यावरण पर इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
सिद्धू ने याचिका में एनजीटी को यह भी बताया है कि पंजाब में अवैध खनन का मामला पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में भी पहुंचा था, जहां सुनवाई के दौरान रोपड़ में अवैध खनन की बात सामने आई और यह भी खुलासा हुआ था कि जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस भी अवैध खनन में लगे लोगों का बचाव कर रही है।