निशिकांत दुबे ने राज ठाकरे को दी खुली चुनौती

बिहार और यूपी में होगी कड़ी टक्कर

भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दुबे ने महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे को खुली चुनौती दी है। दुबे ने कहा कि अगर राज ठाकरे बिहार या उत्तर प्रदेश में कदम रखेंगे तो उन्हें कड़ा जवाब मिलेगा। यह बयान हाल ही में राज ठाकरे द्वारा दिए गए एक विवादित बयान के जवाब में आया है। इस टिप्पणी ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और दोनों नेताओं के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।

हाल ही में राज ठाकरे ने एक सभा में बिहार और उत्तर प्रदेश के लोगों को लेकर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां की थीं। इन टिप्पणियों को लेकर बिहार और यूपी में भारी नाराजगी देखी गई। निशिकांत दुबे ने इन बयानों पर कड़ा ऐतराज जताते हुए राज ठाकरे को चुनौती दी कि वह बिहार या यूपी आएं। दुबे ने अपने बयान में कहा कि बिहार और यूपी की जनता ऐसे बयानों को बर्दाश्त नहीं करेगी और इसका जवाब देगी।

निशिकांत दुबे का यह बयान ऐसे समय में आया है जब बिहार और उत्तर प्रदेश में क्षेत्रीय अस्मिता और गौरव के मुद्दे पहले से ही चर्चा में हैं। राज ठाकरे की टिप्पणियों को कई लोग क्षेत्रीय भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला मान रहे हैं। वहीं दुबे ने अपने बयान से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह और उनकी पार्टी इस मामले में चुप नहीं रहेंगे।

दुबे के इस बयान के बाद बिहार और यूपी के कई हिस्सों में लोगों ने समर्थन जताया है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कुछ लोग दुबे के इस रुख को क्षेत्रीय सम्मान की रक्षा के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ का मानना है कि यह बयानबाजी राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश है। इस बीच, महाराष्ट्र में राज ठाकरे के समर्थकों ने भी जवाबी बयान दिए हैं, जिससे विवाद और गहरा गया है।

इस घटनाक्रम ने दोनों राज्यों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह विवाद आने वाले दिनों में और तूल पकड़ सकता है। निशिकांत दुबे ने अपने बयान में यह भी कहा कि वह और उनकी पार्टी क्षेत्रीय सम्मान के साथ कोई समझौता नहीं करेंगे। दूसरी ओर, राज ठाकरे की ओर से अभी इस चुनौती का कोई सीधा जवाब नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि वह जल्द ही इस पर अपनी प्रतिक्रिया देंगे।

निशिकांत दुबे और राज ठाकरे के बीच यह ताजा विवाद भारतीय राजनीति में क्षेत्रीय अस्मिता और सम्मान के मुद्दों को फिर से सामने लाया है। दोनों नेताओं के बयानों ने न केवल उनके समर्थकों बल्कि आम जनता के बीच भी बहस छेड़ दी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह विवाद आगे कैसे बढ़ता है और इसका राजनीतिक परिदृश्य पर क्या असर पड़ता है !

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