हल्ला विकास का और कार्य सर्वनाश का : अखिलेश यादव

लखनऊ, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गवर्नमेंट पर कटु आक्षेप बोला और कहा कि इनका नारा तो प्रगति का है, लेकिन काम सारे विनाश के हैं। सरकार के पास विजन नहीं है, पैसा होने के बावजूद कार्य नहीं हो रहे हैं।

यूपी विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को नेता प्रतिपक्ष समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सीएम योगी पर कटु हमला किया। अखिलेश यादव ने यूपी की स्वास्थ्य सेवाओं, सड़क पर गड्ढों और एक्सप्रेसवे के लिए अनुपूरक बजट में आपूर्ति करने पर सरकार को घेरा।

उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे को लेकर कहा कि मुख्यमंत्री को अपना जिला जोड़ना था, लेकिन अभी तक नहीं जुड़ पाया है। इस गवर्नमेंट ने जो कहा, वह कभी किया नहीं। जब गवर्नमेंट मूल बजट खर्च नहीं कर पा रही है तो आखिरकार अनुपूरक बजट क्यों? करीब 63 प्रतिशत धनराशि खर्च नहीं हुई है। सबसे आवश्यक लोक निर्माण विभाग है, उसमें अभी भी 65 प्रतिशत धनराशि बची हुई है।

उन्होंने कहा कि डींगें मारने में ये गवर्नमेंट सबसे आगे है। लोगों को स्मार्ट सिटी का सपना दिखाया था। क्या इस बजट में स्मार्ट सिटी के लिए कुछ धनराशि दी गई है? मुझे तो यह लगता है कि पांच वर्ष का पहला कार्यकाल और लगभग दो और वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, गवर्नमेंट खुद महसूस कर गई है कि अब वो स्मार्ट सिटी नहीं बना सकती है। जब मुख्य बजट से विकास नहीं हुआ तो इस अनुपूरक बजट से कौन सा विकास हो जाएगा।

उन्होंने कहा कि इस गवर्नमेंट ने एक भी जिला अस्पताल नहीं बनाया, जिसमें गरीबों को पूरा इलाज मिल जाए। सरकार ने न तो नया बनाया और न ही पुराने अस्पतालों में सुधार किया। सरकारी अस्पतालों को बर्बाद जरूर किया, इसी का निष्कर्ष है कि गरीब को मजबूरी में प्राइवेट अस्पताल में जाना पड़ रहा है।

सपा अध्यक्ष ने व्यंग्य करते हुए कहा कि सड़कों में गड्ढे हैं, गड्ढों में सड़क है, गवर्नमेंट ऐतिहासिक लूट कर रही है। उन्होंने जितिन प्रसाद का नाम लिए बिना कहा कि पीडब्ल्यूडी विभाग में मंत्री बनने के बाद तुरंत खेल हो गया, ये तो कहो गवर्नमेंट की नजर पड़ गई तो थोड़ा बहुत बचा होगा। 90 किलोमीटर सड़क 6 हजार करोड़ में बन रही है। यही लिंक कहीं और से लिंक किया जाता तो गोरखपुर तो जुड़ता ही कई और जिले भी जुड़ जाते।

अखिलेश यादव ने कहा कि अभी एमबीबीएस डॉक्टर बन रहे थे, अगर इंजीनियर बन जाते तो गोरखपुर जुड़ जाता और कई अन्य जिले भी जुड़ जाते और अभी भी रोड कंप्लीट नहीं है।

इससे पहले सत्र के दूसरे दिन जब सीएम योगी ने डेंगू को लेकर कई बातें कही तो अखिलेश यादव ने निष्कर्ष कसते हुए कहा था कि लगता है मुख्यमंत्री ने डॉक्टर की डिग्री हासिल कर ली है। अखिलेश ने कहा कि कोई शहर नहीं है, जहां जाम न हो। ट्रैफिक व्यवस्था बदहाल है। यह लोग सांड़ नहीं, नंदी कहते हैं। फिर नंदी का संरक्षण क्यों नहीं कर रहे हैं। ट्रैफिक पुलिस से ज्यादा सड़कों पर सांड़ दिखते हैं। गौशाला में क्या दुर्गति है। बजट में केवल 250 करोड़ रखा गया है। इससे कुछ नहीं होना है।

नेता प्रतिवादी ने कहा कि सात वर्ष पूरे होने वाले हैं बताइए केंद्र से उत्तर प्रदेश को कितना बिजली का कोटा बढ़कर मिला है। जो मेट्रो चल रही है सब समाजवादियों की देन है। मुख्यमंत्री जी आप अपने यहां तो मेट्रो बना लीजिए। वहां क्यों नहीं बना रहे? झांसी वाले भी मेट्रो का इंतजार कर रहे हैं। लखनऊ में सात वर्ष में एक भी किलोमीटर मेट्रो आगे नहीं बढ़ पाई। जो यहां पर खेती करने वाले लोग हैं अगर कहीं धान खरीदा गया हो तो बता दीजिए। जहां पर धान खरीद हो रही है वहां पर सीसीटीवी कैमरा क्यों नहीं लगाते हैं। आप पारभासकता क्यों नहीं चाहते हैं।

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