डॉ. भीमराव आंबेडकर का महापरिनिर्वाण दिवस आज मनाया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ आंबेडकर महासभा कार्यालय में होने वाले कार्यक्रम में शरीक हुए।
सीएम योगी ने शनिवार को कहा, बाबा साहब की मूर्तियों के साथ अक्सर शरारती तत्व छेड़छाड़ करते हैं। हमारी सरकार निर्णय ले रही है कि बाबा साहब की हर मूर्ति के आसपास सुरक्षात्मक बाउंड्री वॉल बनाई जाए, ताकि उनकी प्रतिमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। जिस मूर्ति के ऊपर छत नहीं होगी, वहां छत बनवाएंगे। यदि कहीं कोई काम छूट गया है, तो उसे भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। आज इस पावन अवसर पर मैं बाबा साहब की पावन स्मृति को नमन करता हूं।
अभी यहां लालजी प्रसाद निर्मलजी ने चतुर्थ श्रेणी संविदा सफाई कर्मियों की समस्या का उल्लेख किया। हमारी सरकार ने इस पर निर्णय ले लिया है। कॉरपोरेशन का गठन किया गया है और आने वाले एक-दो महीनों में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि राज्य के हर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी और संविदा कर्मी को सरकार की ओर से न्यूनतम मानदेय की गारंटी मिले। यह सामाजिक न्याय की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।
हम सबको यह समझना होगा कि जो भी सुविधाएं और सम्मान आज वंचित वर्गों को मिल रहा है, वह बाबा साहब की दी हुई प्रेरणा का ही परिणाम है। प्रधानमंत्री मोदीजी के नेतृत्व में देश ‘नए भारत’ की ओर बढ़ रहा है। पंचतीर्थ का निर्माण, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के छात्रों के लिए नई छात्रवृत्ति योजनाएं यह सब बाबा साहब के समानता और आत्मसम्मान के विचारों को आगे बढ़ाने का कार्य है।
डॉ. भीमराव आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस पर शनिवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ श्रद्धांजलि अर्पित किया। हजरतगंज स्थित आंबेडकर महासभा कार्यालय में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बुद्ध वंदना एवं त्रिशरण पंचशील के पाठ से हुआ।
सभी पाठ्यक्रमों में संविधान की उद्देशिका को अनिवार्य रूप से शामिल किया जाए – निर्मल:
डॉ. आंबेडकर महासभा ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं विधान परिषद के सदस्य डॉ. लालजी प्रसाद निर्मल ने शुक्रवार को सीएम योगी से मिलकर संविधान की प्रति भेंट की थी। उन्होंने सीएम से आग्रह किया था कि सरकारी पाठ्यक्रमों में संविधान की उद्देशिका, मौलिक अधिकारों, मौलिक कर्तव्य, नीति निर्देशक तत्व, संघीय ढांचा और न्यायपालिका की स्वतंत्रता आदि महत्वपूर्ण विषयों को शामिल किया जाए।
वहीं दूसरी ओर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि सपा और उसके मुखिया तो शुरू से आरक्षण व दलित-वंचित विरोधी रहे हैं। मुख्यमंत्री रहते अखिलेश ने दलित कर्मचारियों के प्रोन्नति में आरक्षण खत्म किया। दो लाख दलित कर्मियों को पदावनत कर अपमानित किया। दलितों का वोट पाने की खातिर वह आरक्षण और आंबेडकर की बात करने लगे हैं।
बसपा ने रद्द की रैली
बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री मायावती 6 दिसंबर को संविधान के रचयिता डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस के अवसर पर नोएडा में प्रस्तावित रैली का संबोधन नहीं करेंगी। वह अपने आवास पर ही डॉ. आंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित करेंगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती जी ने कहा कि उनकी सुरक्षा व्यवस्था के कारण कार्यकर्ताओं व उनके परिवारों को होने वाली भारी असुविधा को देखते हुए उन्होंने यह फैसला लिया है। बसपा सुप्रीमो ने जारी अपने बयान में कहा कि महापुरुषों की जयंती व पुण्यतिथि के मौकों पर बहुजन समाज के संतों, गुरुओं व महापुरुषों स्मारक स्थलों पर भीड़ उमड़ती है। इस दौरान मेरा अनुभव रहा है कि मेरे जाने पर मेरी सुरक्षा प्रबंध के नाम पर जो सरकारी व्यवस्था की जाती है, जो जरूरी भी है, उससे लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
बाबा साहब पर कार्यक्रम की अनुमति न मिलने से सपा नाराज
डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान, लखनऊ में 6 दिसंबर के कार्यक्रम को अनुमति न मिलने पर सपा ने नाराजगी जताई है। सपा ने इसे अलोकतांत्रिक और बाबा साहब के प्रति दुर्भावनापूर्ण रवैया करार दिया है।
प्रदेश सपा मुख्यालय पर आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में सांसद आरके चौधरी ने कहा कि इस कार्यक्रम में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को भाग लेना था। भाजपा सरकार के दबाव में पुलिस प्रशासन ने कार्यक्रम रद्द किए जाने की सूचना दी। भाजपा सिर्फ वोट के लिए बाबा साहब का नाम लेती है। हम जनता के बीच जाएंगे और हर जगह परिनिर्वाण दिवस मनाएंगे।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने कहा कि श्रद्धांजलि सभा को रद्द करने से साबित हो गया कि भाजपा बाबा साहब से नफरत करती है। संविधान गरीबों, वंचितों, पिछड़ों का हथियार है। प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र चौधरी, समाजवादी बाबा साहब अम्बेडकर वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मिठाई लाल भारती और महासचिव राम बाबू सुदर्शन मौजूद रहे।





