पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर चिनाब नदी के पानी को जानबूझकर रोकने का आरोप लगाया है। उन्होंने दावा किया कि भारत पारंपरिक युद्ध में हार चुका है और अब पाकिस्तान उसे जल युद्ध में भी हराएगा। आसिफ ने भारत-पाकिस्तान के बीच किसी भी गुप्त बातचीत की अफवाहों को भी खारिज किया।
पाकिस्तान में पानी की भारी कमी
पाकिस्तान की सिंधु नदी सिस्टम अथॉरिटी (IRSA) की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिंधु, झेलम और चिनाब नदियों में पानी का प्रवाह 21% कम हो गया है। मंगला और तरबेला बांधों में पानी का स्तर 50% से भी नीचे है। 2 जून 2025 को पंजाब में पानी की उपलब्धता 1,28,800 क्यूसेक थी, जो पिछले साल से 14,800 क्यूसेक कम है।
सिंधु जल संधि पर तनाव
भारत ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि निलंबित कर दी थी, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हुई थी। इसके जवाब में भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर पाकिस्तान और PoK में आतंकी ठिकानों पर हमला किया। भारत ने साफ किया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को पूरी तरह खत्म नहीं करता, संधि निलंबित रहेगी। पाकिस्तान ने संधि बहाल करने के लिए भारत को चार पत्र भेजे हैं, लेकिन भारत अडिग है।
पाकिस्तान पर क्या होगा असर?
सिंधु नदी प्रणाली से पाकिस्तान की 90% कृषि भूमि (4.7 करोड़ एकड़) की सिंचाई होती है, जो राष्ट्रीय आय में 23% का योगदान देती है और 68% ग्रामीण आबादी की आजीविका का आधार है। संधि निलंबन से मंगला और तरबेला बांधों को पानी की कमी झेलनी पड़ सकती है, जिससे बिजली उत्पादन में 30-50% की कमी और औद्योगिक उत्पादन व रोजगार पर गंभीर असर पड़ सकता है।
पाकिस्तान में मानसून में देरी
पाकिस्तान में एंटी-साइक्लोन के कारण भीषण गर्मी और 16 घंटे की बिजली कटौती हो रही है। मानसून आने में अभी तीन हफ्ते बाकी हैं, जिससे स्थिति और गंभीर हो सकती है।
भारत के पांच बड़े फैसले
पहलगाम हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि निलंबित की, अटारी चेक पोस्ट बंद की, वीजा रोके, उच्चायुक्त हटाए, और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत आतंकी ठिकानों पर हमला किया। 7 मई को शुरू हुआ यह संघर्ष चार दिन तक चला, जिसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 10 मई को सीजफायर की घोषणा की।