वाशिंगटन में हुई बैठक में भारत ने रखा सख्त रुख
वाशिंगटन में आयोजित QUAD सम्मेलन में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान ने एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ मजबूत संदेश दिया। इस बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि भारत अपने नागरिकों को आतंकवाद से बचाने के लिए हर जरूरी कदम उठाएगा। इस दौरान QUAD देशों ने संयुक्त बयान जारी कर हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की।
QUAD देशों ने अपने संयुक्त बयान में सभी प्रकार के आतंकवाद और हिंसा की निंदा की, जिसमें सीमापार आतंकवाद भी शामिल है। जयशंकर ने जोर देकर कहा कि आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक स्तर पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी होगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आतंकियों को किसी भी तरह की छूट नहीं दी जा सकती। भारत की इस सख्ती के सामने पाकिस्तान की चुप्पी और उसके द्वारा आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीतियों की चर्चा ने QUAD मंच पर उसे असहज स्थिति में ला खड़ा किया।
जयशंकर ने बैठक में कहा कि भारत को अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए आत्मरक्षा का पूरा अधिकार है और वह इस अधिकार का उपयोग करेगा। उनकी इस हुंकार ने न केवल QUAD देशों का ध्यान खींचा, बल्कि वैश्विक मंच पर भारत के आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ रुख को और मजबूत किया। अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान के विदेश मंत्रियों ने भी भारत के इस रुख का समर्थन किया, जिससे पाकिस्तान की आतंकवाद को लेकर ढुलमुल नीति पर सवाल उठे।
QUAD ने अपने बयान में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले को विशेष रूप से उल्लेखित किया। इस हमले को लेकर भारत ने साफ कहा कि आतंकी गतिविधियों को वह किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेगा। QUAD देशों ने इस हमले को क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा बताया और आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त कार्रवाई की प्रतिबद्धता दोहराई।
यह पहली बार नहीं है जब भारत ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान को आतंकवाद के मुद्दे पर घेरा हो। QUAD सम्मेलन में जयशंकर के बयान ने पाकिस्तान पर वैश्विक दबाव को और बढ़ा दिया। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बैठक से QUAD देशों के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग और मजबूत होगा, जिसका असर क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा पर पड़ेगा।
इस बैठक ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में न केवल मुखर है, बल्कि वैश्विक समुदाय को साथ लेकर इस चुनौती से निपटने के लिए तैयार है।