पूछताछ के दौरान ललित ने बताया कि कुचामन में वह अपने मित्र महेश से मिला, जिसने उसे रात में रहने के लिए कमरा दिया था। महेश से वह फेसबुक के जरिए मिला था।
संसद की सुरक्षा में चूक मामले का मास्टरमाइंड ललित झा पुलिस की गिरफ्त में आ गया है। इस बीच उसे लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उसने राजस्थान के कुचामन भागने के बाद सबूत मिटाने की कोशिश की थी। इसके लिए उसने अपने सहयोगियों का मोबाइल फोन जला दिया था। दरअसल, घटना से पहले चारों आरोपियों ने अपना मोबाइल फोन ललित को दे दिया था, जिससे अहम सबूत पुलिस के हाथ न लगने पाए। सभी को गिरफ्तारी का डर पहले से ही था।
घटना के दौरान मौके पर मौजूद था ललित
पूछताछ के दौरान ललित ने बताया कि कुचामन में वह अपने मित्र महेश से मिला, जिसने उसे रात में रहने के लिए कमरा दिया था। महेश से वह फेसबुक के जरिए मिला था। संसद में हुए घटना के दौरान ललित भी मौके पर मौजूद था। वह बाहर से दर्शक दीर्घा में गए अपने साथियों का वीडियो बना रहा था।
तकनीकी निगरानी की मदद से ललित की गिरफ्तारी से पहले पुलिस ने महेश के चचेरे भाई कैलाश को पकड़ा जिसने उन्हें बताया था कि ललित और महेश दिल्ली गए हैं। जब ललित वापस आया तो उसे भी गिरफ्तार किया गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार, ललित झा खुद से पुलिस स्टेशन आया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर पूछताछ करने लगी।
सात दिन की हिरासत में सभी आरोपी
दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने गुरुवार को चारों आरोपियों को संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में सात दिन की हिरासत में भेज दिया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश डॉ. हरदीप कौर ने सभी चार आरोपियों मनोरंजन डी, सागर शर्मा, अमोल धनराज शिंदे और नीलम देवी के मकसद के उद्देश्य का पता लगाने और जांच के लिए मुंबई, मैसूर और लखनऊ जाने की अनुमति दी।
इस घटना को एक सुनियोजित षड़यंत्र करार दिया गया है। पुलिस के वकील ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि आरोपियों के पास एक पैम्फलेट भी था, जिसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लापता बताया है। साथ ही यह कहा गया कि जो भी व्यक्ति उन्हें ढूंढेगा, उसे स्वीस बैंक से पैसा दिया जाएगा। पुलिस ने अदालत को बताया कि उन्होंने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।