- अजीजपुर में 12470 वोटर 4 करोड़ की निधि, फ़िर क्यों लोग अपने आशियाने छोड़ने को मजबूर
मलपुरा। ब्लॉक बिचपुरी की ग्राम पंचायत अजीजपुर की ये कुछ तस्वीरें हैं। तस्वीर कभी झूठ नहीं बोलती- अजीजपुर में जिधर आप देखोगे सिर्फ आपको नाली चौक, नालों से आती दुर्गंध, कूड़े के अंबार, घरों में भरा हुआ गंदा पानी, बावजूद इसके पंचायत निधि में विकास के लिए करोड़ों रुपए का खजाना भरा है। किसी भी जिम्मेदार व्यवस्था पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। मंगलवार को ग्राम पंचायत का दौरा किया। डाबो और जमीनी हकीकत में भारी अंतर साफ नजर आया कहते हैं। ग्राम पंचायत में विकास कार्यों की तस्वीरों ने पोल खोल कर रख दी, कहते हैं तस्वीरें कभी झूठ नहीं बोलती।
स्थानीय निवासी मानसिंह दरोगा (79) ने आरोप लगाया कि – ग्राम पंचायत और यहां की कालोनियों में प्रधान ने आज तक कोई कार्य नहीं कराया है। कई बार उनसे शिकायत कर दी। लेकिन वह सुनते ही नहीं। नालिया चौक है गंदा पानी घरों में भर रहा है। दीवारों में दरार व शीलन आ गई हैं। जब मैं रिटायर हो कर आया था। तब अपने पैसे से मैंने खरंजा बनवाया था। लेकिन आज गंदगी की वजह से स्थिति ऐसी है। कॉलोनी में कोई रिश्तेदार नहीं आता है। हम इस घर को छोड़कर परिवार सहित यहां से जाने को मजबूर हैं। प्रधान कहता है कि, मेरे पास कार्य करने के लिए बजट नहीं है।
स्थानीय निवासी भगवान दास राणा (69) ने आरोप लगाया कि – आप अजीजपुर में जिधर भी नजर डालोगे सिर्फ़ आपको कूड़ा, गंदगी, कचरा, कीचड़, दुर्गंध भरा पानी, और नालियां चौक नजर आएंग़ी। 20 वर्षों से यहां कोई कार्य नहीं हुआ। गायत्री नगर कॉलोनी में तो प्रधान ने कभी घुसकर ही नहीं देखा। गलियों में गंदा पानी भरा रहता है। बच्चे स्कूल नहीं जा पाते। बुजुर्गों के पैरों में गंदे पानी से छाजन हो गई हैं। कॉलोनी में मच्छरों की दवा का कभी छिड़काव नहीं हुआ है। रात्रि के समय मच्छर सोने नहीं देते हैं। बीमारियों का हर समय डर बना रहता है। अगर यही स्थिति रही तो हम अपना आशियाना छोड़कर कहीं और चले जाएंगे।
स्थानीय निवासी गीतम सिंह (79)ने आरोप लगाया कि – प्रधान पति कभी भी नालियों की सफाई नहीं कराई और नाहीं पोखरों का सौंदर्य करण हुआ है और ना सफाई हुई का कार्य हुआ है। कॉलोनी में नालियां व खरंजे कच्चे पड़े हैं। प्रधान ने कॉलोनी की तरफ पानी को मोड़ दिया है। बरसात के समय पूरी कॉलोनी जलमग्न रहती है। प्रधान से कई बार शिकायत कर ली है। शासन प्रशासन से लिखित शिकायत भी कर ली लेकिन इस समस्या का कोई हल नहीं निकल सका। शायद हो सकता है। विकास कार्य कागजों में पूरा हो गया होगा। हमारे सभी रिश्तेदारों ने हमसे नाता तोड़ दिया है। अब हम पलायन को मजबूर हैं।
स्थानीय निवासी एक्स सूबेदार आर.बी. लाल (69) ने आरोप लगाया कि – मैंने सालों तक देश के बॉर्डर पर रहकर देश की सेवा की है। लेकिन बाहर के दुश्मनों से अंदर के दुश्मनों में घूसखोरी, नेता नगरी, चालाकी, और दबंगई भरी पड़ी है। विकास कार्यों की सत्ताधारी बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। लेकिन पटल पर कुछ नहीं है। 25 वर्षों में प्रधानों से खूब शिकायतें कर ली। लेकिन समस्या का हल नहीं निकला। सभी स्थानीय निवासियों ने मिलकर जिला अधिकारी, सीडीओ ऑफ़िस, एसडीम के यहां समाधान दिवस, डीएम कार्यालय, कैबिनेट मंत्री व विधायक बेवी रानी मौर्य, सांसद राजकुमार चाहर से सभी स्थानीय निवासियों ने भेंट की। तब उन्होंने सीडीओ ऑफ़िस फ़ोन पर वार्ता कर हमें सभी कागज़ातों को जमा करने के लिए भेज दिया। लेकिन आज तक कोई विकास कार्य नहीं हुआ। अब मजबूरन हमें यहां से पलायन करना पड़ेगा।
प्रधान पति प्रताप सिंह कुशवाह अजीजपुर का पक्ष- आरोप बेबुनियाद पंचायत में विकास कार्यों की सराहना हो रही है। प्रधान पति प्रताप सिंह का कहना है कि, उन्होंने चौहान कॉलोनी में पांच सीसी, सम्मुख नगर में 700 मीटर सीसी, अमर पैलेस वाली गली में नाली और सीसी, मुंबई वाली गली में 125 मीटर सीसी नाली, रविराज गैस गोदाम सिरोली रोड पर चौधरी प्रेम सिंह वाली गली 125 मी नाली सीसी, सुधा बघेल वाली गली में नाली और सीसी, तीन तालाबों की सफाई कार्य, एक में जाल फेंसिंग, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर 180 मीटर सीसी, नगला ऊदा कुशवाहा नगर में 125 मीटर सीसी नाली, बांके बिहारी गली तीन रोड नाली सीसी 325 मी, शमशान घाट पर सीसी नाली टीन सेट और समर लगवाई, नगला ऊदा सरकारी स्कूल में दो कमरे और इंटरलॉकिंग, वही मॉडर्न आंगनबाड़ी केंद्र बनवाया, दौलत नगर में दो सीसी नाली, करीब 100 से अधिक शौचालय बनवाए, सचिवालय में सफाई रिपेयरिंग और वहां भी शौचालय बनवाया,
प्रधान पति ने कहा कि, ग्रामीणों के अधिकांश आरोप राजनैतिक द्वेष भावना की वजह से लगाई जा रहे हैं।
जमीनी हकीकत बनाम सरकारी दावे……
गांव की टूटी सड़के, जलभराव,तालाबों की बदहाली, बुनियादी सुविधाओं की भारी कमी। इन सब की तस्वीरें पंचायत के विकास दावों पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा करती है।
गांव की असल हालत और सरकारी रिपोर्ट के बीच कितना फर्क है। ग्राम पंचायत अजीजपुर की जमीनी तस्वीर इसे साफ बयां करती है।





